Friday 11 November 2016

ढाई साल पहले नोट बदलने के खिलाफ थी बीजेपी, गरीबों के बर्बाद होने का दिया था वास्ता

ढाई साल पहले नोट बदलने के खिलाफ थी बीजेपी, गरीबों के बर्बाद होने का दिया था वास्तानई दिल्ली। 8 नवम्बर 2016 की तारीख को पीएम मोदी ने एकाएक 500 और 1000 के नोट बंद कर दिया। उन्होंने ये भी नहीं सोचा कि इतने बड़े फैसले से देश की जनता का क्या हाल होगा। लेकिन 23 जनवरी 2014 एक ऐसी तारीख है जब ज़ी न्यूज में एक खबर छपी थी जिसमें बीजेपी ने तत्कालीन यूपीए सरकार के नोट बदलने के फैसले पर सवाल खड़े कर दिए थे। बीजेपी ने इसे चुनावी स्टंट बताते हुए गरीबों और मजदूरों के बर्बाद होने की बात कही थी। लेकिन अब जब यूपी चुनाव का वक्त नजदीक आ गया है तो क्या बीजेपी ने अचानक ऐसा करके चुनावी स्टंट किया है? 

बता दें कि 23 जनवरी 2014 को ज़ी न्यूज में एक खबर प्रकाशित हुई थी जिसमें बीजेपी की प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यूपीए सरकार के बड़े करेंसी नोटों के वापस लेने के फैसले का खुला विरोध किया था। तब बीजेपी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी जोर-शोर से अपने प्रचार में जुटे हुए थे। उसी समय यूपीए की सरकार ने 2005 से पहले के करेंसी नोटों को वापस लेने का निर्णय किया था लेकिन विपक्ष में बैठी एनडीए ने उसका पूरी तरह से विरोध किया था।

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