लखनऊ. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ‘जगत-नेताजी’ मुलायम सिंह यादव ने पुराने नोटों पर लगे बैन को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आज सुबह एलान कर दिया कि “हंव यूपी में पुआने नौट ई चयायेंगे, देखैं हंवै कौंय योकता है।” इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ एक परचून की दुकान पर ज़बरदस्ती पांच सौ के पुराने नोट से चीनी और रिफाइंड खरीदा और नये नोट-क़ानून को तोड़ा।
दुकान से जाते-जाते मुलायम ने थोड़ा ‘मुलायम’ होते हुए कहा कि “मौदी नै अच्छा नई किया। उनै सबको नयी तौ कंव सै कंव ओवीसी, दयितों औय महियाओं को नोट चयाने सै छूट दैंयी चईयै थी।”
हैरानी की बात है कि मुलायम की इस बग़ावत का बीएसपी सुप्रीमो बहन मायावती भी समर्थन कर रही हैं। बहनजी का कहना है कि “पहली बार मुलायम ने कोई ढंग की बात करी है।” जब एक पत्रकार ने कहा कि “लेकिन बहनजी, ये तो सरासर क़ानून का उल्लंघन है” तो मायावती बोलीं- “बीजेपी ने भी तो दिल्ली में ऑड-ईवन वाला नियम तोड़ा था। उनके विजय गोयल ने ऑड वाले दिन ईवन नंबर की गाड़ी चलायी थी। बस, हम भी वो ही कर रहे हैं।”
इस बीच, सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यूपी में राजनीतिक पार्टियां वोटरों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बांट रही हैं। वोटर बैंक में जाकर इन पुराने नोटों के बदले में एक हज़ार के नये नोट लेंगे और फिर उनमें से 500 अपने पास रखेंगे और बाक़ी के 500 पार्टी को वापस लौटा देंगे।
हमारे संवाददाता ने अपनी आंखों से देखा कि एक बैंक के बाहर एक नेता टाइप का बंदा लोगों को 1000-1000 के नोट थमा रहा था और कह रहा था कि “इलेक्शन से 4 महीना पहले दे रहे हैं। इसे एडवांस समझो बेटा! चुनाव के टाइम पे भूल मत जाना कि हमने तुम्हें क्या दिया था और तुमने हमसे क्या लिया था। समझ गये?”
सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्य में गुप्त रूप से ‘समाजवादी नोट बदलो योजना’ लागू हो गयी है। योजना लागू होते ही पूरे प्रदेश में जगह-जगह हज़ार का नोट बदलवाने आये लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।
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