Sunday 13 November 2016

नोट बैन:आज़म की चेतावनी,अगर मोदी ने तकलीफों को ना समझा तो जनता सड़को पर उतर सकती है

नोट बैन:आज़म की चेतावनी,अगर  मोदी ने तकलीफों को ना समझा तो जनता सड़को पर उतर सकती है
सहारनपुर -कैबिनेट मंत्री आजम खान ने पांच सौ और हजार के नोटों पर पाबंदी लगाए जाने के मोदी सरकार को घेरा है उन्होंने फैसले पर कहा कि जनता नोट को लेकर परेशान है और हमारा बादशाह (पीएम को संबोधन) जापान में हैं .
मोदी ने नोट बंद होने की जानकारी लीक की थी 
उन्होने दावा किया कि नोटों के जारी होने के पहले भी कुछ खास लोगों को इसकी जानकारी थी. तर्क दिया कि यदि ऐसा नहीं था तो व्हाट्सएप पर फोटो पहले कैसे आ गई और नेताओं की पत्नियों के पास नोटों की गड्डियां कैसे दिख रही हैं यह जांच का विषय है.
मोदी गाय और बादशाह को लड़ाते है 
उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर गाय और गंगा को लेकर भी निशाना साधा। कहा कि हमारा बादशाह गाय और गंगा के नाम पर लड़ाता है पर असल में गंगा और गाय किस हाल में हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं. गंगा प्रदूषण की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गए.वहीं आज गंगा में करोड़ों रुपये बह रहे हैं. गंगा ने आज साबित कर दिया कि वह गन्दी नहीं. उन्होंने मोदी पर गुजरात, दादरी, मुजफ्फरनगर दंगे, गंगा और गाय के नाम पर दंगा कराने का आरोप लगाया.
केजरीवाल के आरोपों पर मोदी क्यों नही जवाब देते है 
आजाम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयान का समर्थन किया। कहा कि भाजपा के लोगों का काला धन पहले ही सफेद हो जाने का जो आरोप अरविन्द केजरीवाल ने लगाया है, वह बेहद गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केजरीवाल के इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. अगर यह सही है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर गलत है तो केजरीवाल को जेल भेजना चाहिए.
जब अमेरिका में जनता विरोध कर सकती है तब भारत में भी ये हो सकता हैमोदी सरकार को यह समझना चाहिए कि जब लोग अमेरिका के चुने हुए राष्ट्रपति के खिलाफ अगले ही दिन से सड़कों पर उतर सकते हैं तो भारत के लोग भी चुनी हुई सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में देर नहीं करेंगे. वैसे भी मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोट पाबंदी फरमान से पूरे देश में बदअमनी के हालात है. बादशाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) अराजकता फैलाकर जापान भाग गया और दरबारी (अरुण जेटली) अब बेफिजूल बयान देकर देश में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। ऐसे में राज्य सरकारों को सतर्क रहने की जरूरत है.
दहशत फैलाकर रानीतिक क्यों ?
सवाल यह है कि जब कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की है तो उन अफसरों को अपना काम करने दो, आप दहशत फैलाकर राजनीति क्यों कर रहे हो यदि कुछ करना ही है तो उन शहरों व गांव में केन्द्र सरकार अपनी टीम भेजे, जहां लोगों के बच्चों की शादी है पर नकदी के अभाव में उन लोगों की खुशियों पर विराम लग गया है एक बेटी की शादी 16 नवम्बर की है, लेकिन उसका बाप मेहमानों की इंतजार करने के बजाय रिश्तेदारों को परम्परा के अनुसार मिलाई देने के लिए लिफाफे भरने या छोटा-मोटा खर्चा करने के लिए नगदी के जुगाड़ में लगा है.
कई बाप तो ऐसे है जो इसके लिए अपने दोस्तों को साथ लेकर अपने खून पसीने की बैंक में जमा कमाई से 4-4 हजार रुपये लेने के लिए छह-छह घंटे बैंक के बाहर लाइन में लगे है. उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि क्या एक बाप को अपने बेटे या बेटी की खुशी से शादी करने का भी अधिकार नही हैं? क्या उस अधिकार को भी आप छीन लेंगे? क्या देश में मानवता पर भी आर्थिक आपातकाल लगा दिया गया है? आजम ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास भले ही उनके सवालों का जवाब नही हो पर उप्र के विस चुनाव में जनता उन्हें जवाब जरूर देगी। पूर्व मंत्री सरफराज खान, पूर्व विधायक संजय गर्ग आदि उपस्थित थे.

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