Sunday 13 November 2016

मंगलसूत्र गिरवी रखने पर हॉस्‍पिटल ने दिया पति का शव, न थे 500 के चेंज

मंगलसूत्र गिरवी रखने पर हॉस्‍पिटल ने दिया पति का शव, न थे 500 के चेंज
मेरठ.100-100 के नोट नहीं होने पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने एक महिला को उसके पति का शव नहीं दिया। काफी मिन्नतों के बाद भी जब हॉस्पिटल प्रबंधन ने पांच सौ रुपये के नोट नहीं लिए तो मजबूरी में उसने अपना मंगलसूत्र और अन्‍य जेवर गिरवी रखकर हॉस्पिटल के पैसे चुकाए। तब जाकर पति का शव ले जाने दिया।
तीन नवंबर को भर्ती किया था मरीज
- शहर के मिमहेंस हॉस्पिटल में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर निवासी मनीराम को ब्रेन हेमरेज के चलते एडमिट कराया गया था।
- इलाज के दौरान ही 65 वर्षीय मनीराम की शुक्रवार को मौत हो गई। परिजनों ने मनीराम के इलाज पर हुए खर्च का बिल बनवाया।
- हॉस्पिटल की ओर से परिजनों को 22 हजार रुपये बकाया का बिल बनाकर दिया गया।
- इस बिल को जब मनीराम के बेटे उमेश व सुमित काउंटर पर गए तो उन्होंने उस वक्त अपने पास मौजूद पांच सौ के नोटों से बिल जमा कराना चाहा।
- हॉस्पिटल ने बिल के लिए सौ- सौ के नोट ही देने के लिए कहा और मनीराम की बॉडी देने से तब तक इंकार कर दिया जब तक बिल जमा नहीं किया जाता।
- हॉस्पिटल में मौजूद मनीराम के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की काफी मिन्नतें करते हुए बिल पांच सौ के नोट से जमा करने का आग्रह किया।
- बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से पांच सौ के नोट लेने से साफ इंकार कर दिया गया।
मंगलसूत्र और अंगूठी रखी गिरवी
- हॉस्पिटल में मौजूद परिजनों के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह बाहर के रहने वाले हैं यहां कहां से सौ के नोटों का इंतजाम करें।
- परिजनों ने हॉस्पिटल के काउंटर पर बिल के बदले अपने जेवर गिरवी रखने को भी कहा, लेकिन वह नहीं मानें।
- परिजनों ने कंट्रोल रूम को फोन कर पुलिस भी मौके पर बुलायी लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
- हॉस्पिटल वालों का दिल नहीं पसीजा तो मनीराम की पत्नी ने अपना मंगलसूत्र और सोने की अंगूठी शहर में ही एक ज्वैलर्स के यहां गिरवी रखकर सौ-सौ के नोटों का इंतजाम किया।
- सौ के नोट मिलने पर परिजनों ने हॉस्पिटल का बिल दिया और मनीराम की बॉडी अपने कब्जे में लेकर ज्वालापुर चले गए।
- इस संबंध में हॉस्पिटल प्रबंधन से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
सीएमओ ने क्‍या कहा...
-सीएमओ विरेंद्र पाल ने बताया, मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।
- मैने सभी हॉस्पिटल को आदेश दिया है कि किसी भी मरीज और उनके तीमारदार को कोई परेशानी न हो।
- लेकिन ये मामला निजी हॉस्पिटल का है, मैं अपने स्‍तर से कार्रवाई करूंगा।


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