Friday 11 November 2016

“केवल 87 लोगों के कारण पुरे देश की जनता पर नोटबंदी का क़हर” : “क्यों नहीं पब्लिक करते इनके नाम” – सुप्रीम कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से उन लोगों के बारे में जानकारी मांगी थी जिन पर 500 करोड़ रुपए अधिक का बैंक लोन बकाया है। जानकारी में यह बात निकलकर आई है कि केवल 87 लोगों पर पब्लिक सेक्टर बैंक का 85 हजार करोड़ रुपया बकाया है। इस संबंध में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने आरबीआई से इन लोगों के नाम सार्वजनिक करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आरबीआई को बैंको के लिए नहीं, बल्कि देश की भलाई के लिए काम करना चाहिए और इन सबसे बड़े बकायदारों के नाम समाने लाने चाहिए।
15036317_1260882440628940_7694131510471551770_n
भारत के चीफ जस्टिस टी. एस. ठाकुर ने आरबीआई द्वारा सौंपी गई बकायदारों की एक लिस्ट पढ़ने के बाद यह खुलासा किया कि ऐसे 87 लोग हैं जिनपर बैंकों के 500 करोड़ रुपए से ज्यादा बकाया है, इस तरह इन लोगों पर कुल 85 हजार करोड़ रुपए बकाया है। पीठ ने कहा कि हमने 500 करोड़ रुपए से अधिक के कर्जदारों की सूची मांगी थी तो यह आंकड़ा सामने आया है। अगर हमने इससे नीचे के कर्जदारों की सूची मांगी होती तो यह आंकड़ा एक लाख करोड़ रुपए से अधिक होता।
टीएस ठाकुर की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, “इस अमाउंट को देखिए, अगर हमने 100 करोड़ रुपए बकाया वालों की लिस्ट मांगी होती तो यह आंकड़ा 1 लाख करोड़ के पार होता। क्यों ना हमें इन डिफॉल्टर्स के नाम पब्लिक कर देने चाहिए? आरबीआई हर साल जानबूझकर बैंक लोन पचाने वालों की सूची जारी करता है। इससे फर्क नहीं पड़ता है कि इन लोगों ने जानबूझ कर बैंक लोन बचाया है या नहीं, हकीकत यह है कि इन पर 500 करोड़ रुपए से अधिक बैंक लोन नहीं चुकता किया है और लोगों को इनके नाम जानने का हक है।”
बता दें कि आरबीआई से बड़े राशि वाले बकायदारों की सूची कोर्ट ने हमारे सहयोगी अखबार द इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट का संज्ञान लेते हुए मांगी थी। दरअसल 8 फरवरी 2016 को आई इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले तीन सालों में देश के 29 बैंकों से दिया गया करीब 1.14 लाख करोड़ रुपए का कर्ज डूब गया है।
वहीं आरबीआई ने डिफॉल्टर के नाम सार्वजनिक करने का विरोध किया। आरबीआई की ओर से पेश वकील ने कहा कि कानून के तहत गोपनीयता का प्रावधान है, जो नाम सार्वजनिक करने की अनुमति नहीं देता। इस दलील पर पीठ ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि कैसी गोपनीयता। किसी ने बैंक से कर्ज लिया लेकिन उसे नहीं चुकाया। ऐसे लोगों के नामों को सार्वजनिक करने से आरबीआई को क्या फर्क पड़ेगा। इससे तो उन लोगों की साख खराब होगी, जिन्होंने कर्ज नहीं चुकाया।

No comments:

Post a Comment