Sunday 13 November 2016

डिफॉल्टर पांच सितारों में, आम आदमी कतारों में, मोदी विदेशी नजारों में : लालू

पटना : पांच सौ और हजार के पुराने नोटों के बैन पर कई दिनों तक चुप रहे लालू प्रसाद ने संडे को आखिरकार नरेन्द्र मोदी पर हमला बोल ही दिया. कहा, देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, निम्न वर्ग जूझ रहा है और बैंकों का लाखों करोड़ डकारने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. काला धन ही ख़त्म करना है तो फिर दो हजार के नोट क्यों?
पिछले आधे घंटे में लालू प्रसाद ने कुल 12 ट्वीट किये हैं. पढ़िए इनके सभी ट्वीट-
1. ‘हम काले धन के विरुद्ध हैं पर आपके कृत्य में दूरदर्शिता और क्रियान्वयन का पूर्ण अभाव दिख रहा है।आम आदमी की सहूलियत का ख्याल रखना चाहिए.’
2. मोदीजी आप 50 दिनों की “सीमित असुविधा” की बात कर रहे हैं, तो क्या समझा जाए कि आपके वादानुसार 50 दिनों बाद सबके खातों में 15-15 लाख आ जाएँगे?
3. मोदी जी, देश को भरोसा दिजीए कि जनता को 2 माह पूर्ण असुविधा देने और काले धन की उगाही के बाद सबके खाते में 15 लाख रु आयेंगे।
4. अगर ये सब करने के बाद भी लोगों को 15लाख नही मिले तो इसका मतलब होगा कि यह “फर्जिकल स्ट्राइक” था। और इसके साथ ही आम जनता का “फेक-एनकाउंटर” भी।
5. क्या सरकार 50 दिन के बाद आंकड़ा सावर्जनिक करेगी कि खातों में पैसे होने के बावजूद कितने लोग खाने व ईलाज के अभाव और सदमे में मारे गए।
6. मोदी बताये कि अगर करप्शन और काला धन समाप्त करना चाहते है तो 2000 का नोट क्यों बनाया? आपकी इस मंशा पर देश को शंका है।
7. क्या मोदी बताएँगे की लोगों के लंबी लाइनों में खड़े रहने की वजह से देश को कितने अरबों Man hours एवं प्रोडक्शन का नुकसान हुआ?
8. मोदीजी बताये कितने पूंजीपतियों का कितना लाख करोड़ बैंकों पर बकाया है और उसकी उगाही के लिए सरकार क्या कठोर कदम उठा रही है?देश जानना चाहता है.
9. आम आदमी को परेशान करने से पहले ये बताओ बैंकों का लाखो करोड़ डकारने वाले “डिफॉल्टर्स” पर क्या कार्रवाई कर रहे है?ये उनको बचाने का नाटक तो नही.
10. इस ‘अभाव के कुँए’ में देश को धकेलते समय आपने कहा कि कुछ दिन की बात है,फिर जेटली जी 15 दिन बोल गए और अब 50 दिन? निम्न वर्ग जूझ रहा है।
11. डिफॉल्टर पूंजीपति पाँच सितारों में आम आदमी कतारों में आप विदेशी नजारों में।। और ऊपर से कह रहे हो जो कतारों में है वो चोर-नाकारें है।
12. नाटकीय भाषणों से आमजनता को ना सांत्वना मिलेगी और ना दुःखों का अंत होगा।स्थिति विस्फोटक हो रही है।लोग परेशान है और आप भाषण पर भाषण पेल रहे है.

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