Sunday 13 November 2016

नोट बदलने के लिए तीन दिन से चक्कर काट रहे किसान ने परेशान होकर लगाई फांसी

नोट बदलने के लिए तीन दिन से चक्कर काट रहे किसान ने परेशान होकर लगाई फांसी
छतरपुर जयप्रकाश श्रीवास: तीन दिन से अपने नोट बदलने को लेकर चक्कर काट रहे एक बुजुर्ग किसान ने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. घटना के बाद से पूरे इलाके में मातम फ़ैल गया. मृतक किसान की उम्र 70 वर्ष बताई जा रही है. मृतक किसान अपने खेत में बोबनी (बुबाई) करना चाहता था. इस कारन अपने नोटों को बदलना चाहता था. किंतु तीन दिनों में भी जब उसके नोट नही बदले गए तो उसने परेशान होकर अपने खेत में जाकर उसने फांसी लगा ली.
घटना जिले के बड़ामलहरा थाने की है. जहाँ नोट न बदलने को लेकर परेशान एक किसान ने अपने खेत में जाकर फांसी लगा ली. घटना बड़ामलहरा  जनपद मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गरखुऑ में 70 वर्षीय किसान ने बैंक से पैसे तथा सोसाइटी से खाद बीज न मिल पाने के कारण आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार हल्के लोधी पिता लाल्ले सत्तर वर्षीय निवासी गरखुवा  8 एकड़ का किसान है तथा उसके खेत पानी देने के बाद बोवनी के लिए बिल्कुल तैयार थे.पिछले वर्ष के खाद के बकाया पैसे सोसायटी में जमा ना हो पाने के कारण यह किसान डिफाल्टर था और बंधा सोसायटी पहुंचने पर खाद बीज उधार देने से समिति कर्मचारियों द्वारा  मना कर दिया गया.
मृतक की पत्नी  सुक्की बाई व बड़े बेटे माखन लाल ने बताया उसका पिता लगातार पिछले तीन दिन से भारतीय स्टेट बैंक बड़ा मलहरा की शाखा में नोट बदलने के लिये लंबी लाइन में सुबह से शाम तक लगा रहा, ताकि पैसे मिलने पर नकद खाद बीज खरीद सके. लेकिन पैसे ना मिल पाने के कारण रोज घर लौट जाता था.जब दिन भर लाइन में लगे रहने व पैसे न मिल पाने से परेशान किसान के  खेत सूखने लगे तो उसने घर जाकर अपने खेत पर स्थित अमरूद के पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हलके के तीन बेटों में से दूसरे नंबर का बेटा लगभग 7 वर्ष पूर्व एक वाहन दुर्घटना में खत्म हो गया था. जिसकी बीवी और बच्चों सहित छोटे बेटे के भरण पोषण का भार उसके सिर पर था. फ़िलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच जारी की. घटना की जानकारी लगते ही एसडीएम दिव्या अवस्थी ने मृतक के घर जाने के लिये तहसील दार व पटवारी हल्का को निर्देश दिए.

No comments:

Post a Comment