नई दिल्ली । केंद्र की नरेन्द्र मोदी सरकार द्वारा अचानक शुरू की गयी पांच सौ और एक हज़ार रुपये की नोटबंदी के काल ने अब तक 25 लोगों की ज़िन्दगी ख़त्म कर दी है । इन 17 लोगों की मौत अलग परिस्थिति में हुई लेकिन मौत के पीछे एक ही कारण है । अहम सवाल है कि अलग अलग शहरो में हुई निर्दोष लोगों की मौत का ज़िम्मेदार कौन है ?
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में जब एक महिला ने सुना कि 500 व 1000 के नोट वैध नहीं रहे, सदमे से उसकी मौत हो गई। महिला को घोषणा का पता तब चला जब वह 1000 के दो नोट लेकर बैंक में जमा करने पहुंची थी। बताया जाता है कि दो दिन पहले ही, उसने छाेटे नोटों के बदले 1000 के नोट लिए थे, ताकि उसे जमा करने में सुविधा हो। वहीं, इस अफरातफरी में दो बुजुर्गों की भी मौत हो गई।
गुजरात के सुरेंदरनगर जिले के लिमदी कस्बे में 69 वर्षीय बुजुर्ग तथा मध्य प्रदेश के सागर कस्बे में काफी देर तक खड़े रहे बुजुर्ग का दिल का दौरा पड़ा और मौके पर ही उनकी मौत हो गई।
मुंबई के गाेवांडी क्षेत्र में एक दंपत्ति को अपना नवजात बच्चा खोना पड़ा। बच्चे को तेज बुखार था और आरोप है कि अस्पताल में 500 व 1000 रुपए के नोट लेने से मना कर दिया था। दंपत्ति ने अस्पताल वालों के हाथ-पैर जोड़े मगर उनका दिल नहीं पसीजा और नवजात की जान चली गई।
यूपी के मैनपुरी में अस्पताल द्वारा पुराने नोट लेने से इनकार करने के बाद एक और बच्चे की मौत हो गई थी। विशाखापटनम में भी 18 महीने के बच्चे की जान सिर्फ इस वजह से चली गई कि अस्पताल वालों ने पुराने नोट लेने से मना कर दिया था।
जयपुर में एक पिता ने दावा किया कि उसके नवजात बच्चे की मौत इसलिए हो गई क्योंकि कोई एम्बुलेंस पुराने नोट लेकर अस्पताल चलने को तैयार नहीं थी। जब तक परिवार 100 रुपए के नोटों का इंतजाम करता, बच्चे की मौत हो गई।
छत्तीसगढ़ में सोमवार को 45 वर्षीय किसान ने कथित तौर पर सुसाइड कर लिया। बताया जाता है कि वह कई बार लाइन में लगने के बावजूद बंद हुए नोट नहीं बदलवा पाया था। पश्चिम बंगाल के हावड़ा में नोटबंदी से तनाव में चल रहे एक व्यक्ति ने अपनी पत्नी की हत्या कर दी। पत्नी एटीएम से खाली हाथ लौटकर आई थी, पति को लगा कि पत्नी को ज्यादा देर तक एटीएम की लाइन में लगे रहना चाहिए था।
एक अधेड़ महिला ने नोटबंदी का ऐलान होने के बाद आत्महत्या कर ली। उसने करीब 55 लाख रुपए में जमीन बेची थी, जिसका कुछ हिस्सा पति के इलाज में खर्च हो गया। बाकी पैसों से वह और जमीन खरीदना तथा बेटी की शादी करना चाहती थी लेकिन पीएम मोदी का ऐलान सुनकर उसे लगा कि उसका पैसा बर्बाद हो गया, इसलिए उसने आत्महत्या कर ली।
पटना में नोटबंदी की खबर सुनने के बाद एक व्यक्ति की हार्ट अटैक से मौत हो गई। उसकी बेटी की शादी होने वाली थी और व्यक्ति को लगा कि दूल्हा दहेज में पुराने नोट नहीं लेगा।
भोपाल में रविवार शाम स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नीलबाद ब्रांच के 45 वर्षीय कैशियर की कथित तौर पर दिल का दौरा पड़ने से मौत हुई। वह बैंक में ओवरटाइम कर रहा था।
केरल के थालासेरी में एक व्यक्ति 5 लाख रुपए जमा कराने गया थाा। डिपॉजिट स्लिप भरते हुए वह दूसरे माले से गिर गया और उसकी मौत हो गई। व्यक्ति ने एक दिन पहले ही पूरी रकम कर्ज के तौर पर ली थी। केरल के अलाप्पुझा में 75 वर्षीय कार्तिकेयन बैंक के बाहर गश खाकर गिरे, उनकी मौके पर ही मौत हो गई। वह करीब एक घंटे से लाइन में खड़े थे। गुजरात में 47 वर्षीय किसान की नोट बदलवाने की लाइन में खड़े-खड़े मौत हो गई।
कर्नाटक के उड़ुपी में, एक 96 वर्षीय बुजुर्ग की लाइन में खड़े-खड़े मौत हो गई। बैंक तब तक ख्ुाल भी नहीं सका था। उत्तर प्रदेश के फैजाबाद में एक कारोबारी ने जब टीवी पर पीएम मोदी का ऐलान सुना तो उसे सीने में दर्द महसूस हुआ। डॉक्टर के पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो गई।
दिल्ली में एक महिला ने अपने आपको फांसी लगा ली क्योंकि वह तीन दिन से नोट बदलने की कोशिश कर रही थी लेकिन नाकाम रही।
यूपी के शामली इलाके में एक 20 साल की लड़की ने सुसाइड किया। बताया गया कि उसका भाई नोट बदलने के लिए गया था लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। इसपर जब वह घर आया तो बहन को पंखे से लटकता पाया।
यूपी के बुलंदशहर में कैलाश हॉस्पिटल में इलाज ना मिलने से एक बच्चे की मौत हुई। उसके घरवालों के पास देने के लिए खुल्ले पैसे नहीं थे। वह हॉस्पिटल केंद्र मंत्री महेश शर्मा का है।
बिहार के कैमुर जिले में 45 साल की महिला की हार्ट अटैक से मौत हुई। उस महिला को इस बात की चिंता थी कि उसकी लड़की का होने वाला ससुर और पति दहेज में पुराने नोट नहीं लेंगे। उसने 35 हजार रुपए बचा रखे थे।
बीजेपी नेता का बयान, कहा- लोग राशन की लाइन में भी मरते हैं
नोट बंदी के बाद से लोगों को हो रही परेशानी के बीच बीजेपी नेता का बेहद असंवेदनशील बयान सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोट बंदी के कारण अब तक करीब 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में जब बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे इस विषय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कई बार लोग राशन की लाइन में इंतजार करते करते मर जाते हैं।
नोट बंदी के बाद से लोगों को हो रही परेशानी के बीच बीजेपी नेता का बेहद असंवेदनशील बयान सामने आया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार नोट बंदी के कारण अब तक करीब 16 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं। ऐसे में जब बीजेपी राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे इस विषय में सवाल पूछा गया तो उन्होंने कहा कि कई बार लोग राशन की लाइन में इंतजार करते करते मर जाते हैं।
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