2000 रुपये का नोट कहीं ठगी का नया तरीका तो नहीं
झूठों की सरकार है, बागों में बहार है
रणधीर सिंह सुमन
भारतीय रिज़र्व बैंक जनता को दो हज़ार रुपये का नोट दे रहा है, किन्तु आज बैंक ऑफ़ बड़ौदा की बाराबंकी शाखा में दो हज़ार रुपये का नोट खाते ज़मा करने से मना कर दिया गया.
बैंक अधिकारीयों ने यह भी कहा कि सौ रुपये का भी नोट नहीं ज़मा किया जायेगा.
यह नई गाइडलाइन्स अम्बानी के रिश्तेदार उर्जित पटेल अर्थात रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के गवर्नर साहब की है.
मोदी सरकार जितना लिखित कानून है उससे कहीं ज्यादा मौखिक कानून जारी कर रही है और मौखिक आदेश में कोई न कोई जालसाजी छिपी हुई है.
मोदी सरकार जनता को रंग छूटने वाला दो हज़ार रुपये का नोट दे रही है और जब बैंक में पुन: नहीं ज़मा हो पा रहा है, तो इसका क्या अर्थ निकाला जाए. कहीं यह ठगी का नया गुजराती तरीका निकाला गया है.
अभी तक जानकारी के अनुसार कोई रुपया अगर सरकार जारी करती है तो वह रुपया बैंक और सरकार स्वयं भी लेगी लेकिन झूठों की सरकार है, बागों में बहार है.
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