नई दिल्ली (10 नवंबर): 500 और 1000 रुपये के नोट पर बैन के बाद काला धन जमा कर रखने वालों के बुरे दिन शुरू हो गए हैं। काले धन के बड़े कारोबारियों के लिए एक ओर जहां कुआं है तो दूसरी ओर खाई। अगर वे 500 और 1000 रुपये नोट बैंक में जमा नहीं करते हैं तो उनकी तिजोरियों में पड़ी नोटों की गड्डियां रद्दी की ढेर बन जाएंगी।
अगर कोई व्यक्ति बैंक में 10 लाख रुपये जमा करवाता है और ये साबित करने में नाकाम रहता है कि वो जमा पैसा कालाधन नहीं है तो उसे भारी भरकम जुर्माना देना होगा। सबसे पहले 10 लाख की रकम से 30.09 फीसदी की दर से 3,09,000 रुपये इनकम टैक्स के तौर पर काट लिया जाएगा। इसके बाद सरकार इसपर 200 फीसदी के हिसाब से 6,18000 रुपये पेनाल्टी के तौर पर काट लेगी। यानी कुल मिलाकर 10 लाख रुपये में से 9, 27000 रुपये इनकम टैक्स और पेनाल्टी के तौर पर कट जाएगा। यानी 10 लाख रुपये में से सिर्फ 73 हजार रुपये बचेंगें।
यदि बैंक खाते में जमा किया तो देर-सवेर आयकर विभाग की नजरों में रहेंगे। जानबूझकर टैक्स चोरी करने वाले ऐसे काले कारोबारियों को न सिर्फ 30 फीसदी टैक्स और 200 फीसदी पेनाल्टी देनी पड़ेगी। साथ ही छह महीने से लेकर सात साल तक की जेल भी हो सकती है।
10 नवंबर से 30 दिसंबर के दौरान ढाई लाख रुपये से अधिक राशि किसी बैंक खाते में जमा होने पर उसकी सूचना आयकर विभाग को दी जाएगी। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने साफ कहा कि सरकार की 1000 रुपये के नोट बंद करने और 500 रुपये के मौजूदा नोट को बंद कर नया नोट लांच करने की यह पहल किसी तरह से माफी योजना नहीं है।
पुराने नोट बैंक में जमा करने का मतलब यह नहीं है कि किसी व्यक्ति को कानून से छूट मिल जाए। आयकर कानून अपना काम करेगा। खास बात यह है कि अगर काला धन रखने वाला कोई व्यक्ति किसी और व्यक्ति के खाते में राशि जमा करता है या फिर किसी को अपनी रकम देकर बैंक में भेजता है तो भी वह कानून की नजरों से बच नहीं पाएगा। वित्त मंत्रालय के मुताबिक अगर कोई व्यक्ति अपने या अपने किसी जानकार के खाते में 10 लाख रुपये या इससे अधिक राशि जमा करता है तो उसे कालाधन और टैक्स की चोरी माना जाएगा और इसकी जांच की जाएगी।
इसके साथ ही सीआरपीसी के तहत मुकदमा चलाया जाएगा। अगर साबित हो गया कि ये काला धन है तो अधिकतम 7 साल की सजा भी हो सकती है।
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