Sunday 13 November 2016

देश की जनता के लिए बुरी खबर: प्रतिदिन नही सिर्फ 15 दिन में एक बार बदल सकते हे 4 हजार रूपये

नई दिल्ली:  प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोट बैन करने के बाद से ही लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि सरकार पहले कह रही थी कि लोगों को कुछ परेशानी नहीं होगी, लेकिन अब लग रहा है कि शायद सरकार ने इन नोटों को बैन करने से पहले उपयुक्त कदम नहीं उठाए।

बैंक से लेकर एटीएम तक लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही है, लेकिन लोगों को कोई राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है। कुछ लोग रोजाना लाइन में लगकर 4000 रुपये बदलने की सोच रहे थे, लेकिन सही जानकारी नहीं मिल पाने के बाद उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, आप सिर्फ 24 नवंबर तक एक ही बार 4000 रुपये बैंक से बदल सकते हैं।
इसी के साथ कुछ ऐसे दूसरे नियम भी है, जिनके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं होने के कारण बैंक और एटीएम से निराश होकर वापस आना पड़ रहा है।
यह हैं नियम:
- 24 नवंबर तक सिर्फ एक बार ही बैंक में जाकर 4000 रुपये बदल सकते हैं
- 10000 रुपये अकाउंट से निकाल सकते हैं एक सप्ताह में एक बार और 15 दिन में 20000 रुपये निकाल सकते हैं
- 2000 रुपये एटीएम से 15 दिन में एक बार निकाल सकते हैं

बीजेपी नेता ने नोट बंदी पर मोदी सरकार को घेरा, कहा ‘जनता को भिखारी बना दिया’

बीजेपी नेता ने नोट बंदी पर मोदी सरकार को घेरा, कहा ‘जनता को भिखारी बना दिया’
नई दिल्ली । नोट बंदी को लेकर गुस्सा सिर्फ जनता में ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी में भी है । नोट बंदी से परेशान बीजेपी नेताओं का धैर्य अब टूटता नज़र आ रहा है । बीजेपी की वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता ने मोदी सरकार के नोटबन्दी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए यहाँ तक कहा कि “सरकार ने जनता को भिखारी बना दिया है।” लक्ष्मीकांता चावला भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष हैं ।
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार ने बिना तैयारी के ही नोट बंदी की घोषणा कर दी है और सरकार के इस फैसले ने आवाम को भिखारी बना दिया है। उन्होंने कहा कि ‘देश में काले धन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को रद्द कर एक अच्छा काम किया है लेकिन देश की मौजूदा हालात देख कर ऐसा लगता है कि सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आशय की घोषणा कर दी है । मुझे लगता है कि सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटो की आपूर्ति करानी चाहिए थी और उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता।’
भाजपा की इस मुखर नेता ने कहा, ‘जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है उन्हें उनके आवश्यकता अनुसार धन मिलने की व्यवस्था बैंकों में होनी चाहिए थी । एक दिन में चार हजार के निर्णय ने आवाम को भिखारी बना दिया है क्योंकि उन्हें रोज कतार में खड़ा होना पड़ता है। बैंकों में और अधिक संख्या में काउंटर होने चाहिए । पर्याप्त संख्या में नोट, खास कर छोटे नोट होने चाहिए ताकि कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े । इसके अलावा प्रति दिन दी जाने वाली राशि भी कम से कम दस हजार होनी चाहिए।

नोट बैन:आज़म की चेतावनी,अगर मोदी ने तकलीफों को ना समझा तो जनता सड़को पर उतर सकती है

नोट बैन:आज़म की चेतावनी,अगर  मोदी ने तकलीफों को ना समझा तो जनता सड़को पर उतर सकती है
सहारनपुर -कैबिनेट मंत्री आजम खान ने पांच सौ और हजार के नोटों पर पाबंदी लगाए जाने के मोदी सरकार को घेरा है उन्होंने फैसले पर कहा कि जनता नोट को लेकर परेशान है और हमारा बादशाह (पीएम को संबोधन) जापान में हैं .
मोदी ने नोट बंद होने की जानकारी लीक की थी 
उन्होने दावा किया कि नोटों के जारी होने के पहले भी कुछ खास लोगों को इसकी जानकारी थी. तर्क दिया कि यदि ऐसा नहीं था तो व्हाट्सएप पर फोटो पहले कैसे आ गई और नेताओं की पत्नियों के पास नोटों की गड्डियां कैसे दिख रही हैं यह जांच का विषय है.
मोदी गाय और बादशाह को लड़ाते है 
उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर गाय और गंगा को लेकर भी निशाना साधा। कहा कि हमारा बादशाह गाय और गंगा के नाम पर लड़ाता है पर असल में गंगा और गाय किस हाल में हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं. गंगा प्रदूषण की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गए.वहीं आज गंगा में करोड़ों रुपये बह रहे हैं. गंगा ने आज साबित कर दिया कि वह गन्दी नहीं. उन्होंने मोदी पर गुजरात, दादरी, मुजफ्फरनगर दंगे, गंगा और गाय के नाम पर दंगा कराने का आरोप लगाया.
केजरीवाल के आरोपों पर मोदी क्यों नही जवाब देते है 
आजाम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयान का समर्थन किया। कहा कि भाजपा के लोगों का काला धन पहले ही सफेद हो जाने का जो आरोप अरविन्द केजरीवाल ने लगाया है, वह बेहद गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केजरीवाल के इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. अगर यह सही है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर गलत है तो केजरीवाल को जेल भेजना चाहिए.
जब अमेरिका में जनता विरोध कर सकती है तब भारत में भी ये हो सकता हैमोदी सरकार को यह समझना चाहिए कि जब लोग अमेरिका के चुने हुए राष्ट्रपति के खिलाफ अगले ही दिन से सड़कों पर उतर सकते हैं तो भारत के लोग भी चुनी हुई सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में देर नहीं करेंगे. वैसे भी मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोट पाबंदी फरमान से पूरे देश में बदअमनी के हालात है. बादशाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) अराजकता फैलाकर जापान भाग गया और दरबारी (अरुण जेटली) अब बेफिजूल बयान देकर देश में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। ऐसे में राज्य सरकारों को सतर्क रहने की जरूरत है.
दहशत फैलाकर रानीतिक क्यों ?
सवाल यह है कि जब कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की है तो उन अफसरों को अपना काम करने दो, आप दहशत फैलाकर राजनीति क्यों कर रहे हो यदि कुछ करना ही है तो उन शहरों व गांव में केन्द्र सरकार अपनी टीम भेजे, जहां लोगों के बच्चों की शादी है पर नकदी के अभाव में उन लोगों की खुशियों पर विराम लग गया है एक बेटी की शादी 16 नवम्बर की है, लेकिन उसका बाप मेहमानों की इंतजार करने के बजाय रिश्तेदारों को परम्परा के अनुसार मिलाई देने के लिए लिफाफे भरने या छोटा-मोटा खर्चा करने के लिए नगदी के जुगाड़ में लगा है.
कई बाप तो ऐसे है जो इसके लिए अपने दोस्तों को साथ लेकर अपने खून पसीने की बैंक में जमा कमाई से 4-4 हजार रुपये लेने के लिए छह-छह घंटे बैंक के बाहर लाइन में लगे है. उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि क्या एक बाप को अपने बेटे या बेटी की खुशी से शादी करने का भी अधिकार नही हैं? क्या उस अधिकार को भी आप छीन लेंगे? क्या देश में मानवता पर भी आर्थिक आपातकाल लगा दिया गया है? आजम ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास भले ही उनके सवालों का जवाब नही हो पर उप्र के विस चुनाव में जनता उन्हें जवाब जरूर देगी। पूर्व मंत्री सरफराज खान, पूर्व विधायक संजय गर्ग आदि उपस्थित थे.

लालू का मोदी पर पलटवार ,क्या मोदी 50 दिन जनता को भूखा रखने के बाद पंद्रह लाख देंगे ?

लालू का मोदी पर पलटवार ,क्या मोदी 50 दिन जनता को भूखा रखने  के बाद पंद्रह लाख देंगे ?
पटना- नोटबंदी से देश में मचे हाहाकार के बीच राष्ट्रीय जनता दल (राजद) अध्यक्ष लालू प्रसाद यादव ने आज पहली बार अपनी चुप्पी तोड़ते हुये कहा कि यदि मोदी सरकार के 500 और 1000 रुपये के नोट पर रोक लगाने से लोगों के खाते में पंद्रह-पंद्रह लाख रुपये नहीं आये तो इसे ..फर्जीकल स्ट्राइक.. समझा जाएगा.


यादव ने अलग-अलग ट्वीट कर कहा कि श्री मोदी को देश को भरोसा देना होगा कि नोटबंदी के कारण 50 दिन तक भूखा  होने के बाद केंद्र में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के एजेंडे के अनुरूप लोगों के खाते में 15-15 लाख रुपये आ जाएंगे.
यदि ऐसा नहीं हुआ तो इसका मतलब होगा कि यह ‘फर्जीकल स्ट्राइक’ और आम जनता का ‘फेक एनकाउंटर’ था.उन्होंने अपने बयान में कहा कि जनता भुखमरी से मर रही है .
भाजपा नेता ही बोला मोदी पर हमला ,कहा पीएम ने देश की जनता को भिखारी बना दिया है देश में बड़े नोटों को अमान्य करार दिये जाने के बाद बैंकों में आम जनता की सहूलियत के लिए काउंटर बढ़ाने की मांग करते हुए भारतीय जनता पार्टी की एक वरिष्ठ नेत्री ने रविवार को कहा कि बिना तैयारी के ही सरकार ने यह घोषणा कर दी है और सरकार के इस फैसले ने आवाम को भिखारी बना दिया है.

केरल सीएम ने मोदी सरकार को लगाईं लताड़ 
केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने मोदी सरकार को बिना तैय्यारी के बड़े नोटों के बंद करने पर लताड़ लगाई है. उन्होंने कहा है कि वित्तमंत्री से मिलकर केरल के हालात से अवगत कराउंगा .
उन्होंने कहा कि कालाधन पर लगाम लगाने के लिए अगर केंद्र सरकार ने बड़े नोटों को बंद करने की योजना बनाई थी .लेकिन सरकार ने पर्याप्त तैय्यारी क्यों नही की थी ?

दर दर भटकती माँ की गुहार मेरा बेटा नजीब ढूंढकर ला दो सब कुछ बेचकर दे दूंगी इनाम

दर दर भटकती माँ की गुहार मेरा बेटा नजीब ढूंढकर ला दो सब कुछ बेचकर दे दूंगी इनाम 
नई दिल्ली । अपने गुमशुदा बेटे की तलाश में दिल्ली में ख़ाक छान रही नजीब की मां पर न दिल्ली पुलिस को रहम आ रहा है और न ही सरकार को । दर दर भटक रही नजीब की मां फातिमा को कभी जेएनयू तो कभी पुलिस स्टेशन के चक्कर लगाने के अलावा कुछ और समझ ही नहीं आ रहा । फातिमा को अपने बेटे की गुमशुदगी के पीछे कोई बड़ी साजिश दिख रही है ।
नजीब की मां फातिमा ने रुंधे हुए गले से लोकभारत के कार्यकारी संपादक राजा ज़ैद से कहा कि ‘मैं हर उस दरवाजे पर जाउंगी जहाँ से मुझे मेरे बेटे की जानकारी मिल सकती हो । फातिमा ने कहा कि मुझे पुलिस सपोर्ट करने की जगह प्रताड़ित करती है, मेरी दिमागी हालत अब पहले जैसी नही, मैं अब चक्कर लगाते लगाते टूट चुकी हूँ।’ फातिमा ने कहा कि मैं पिछले 24 दिनों से सड़को पर भटक रही हूँ, सरकार की तरफ से कोई मेरी मदद में नहीं आ रहा, पुलिस मुझे प्रताड़ित कर रही है।
जेएनयू के छात्र-छात्राओं के साथ पुलिस मुख्यालय पर प्रदर्शन करने के लिए पहुंची गायब छात्र नजीब की मां फातिमा ने पुलिस अधिकारियों के साथ मुलाकात करने के बाद कहा कि वह तबतक सड़कों पर बैठी रहेगी, जबतक की उसका बेटा नहीं मिल जाता है। बेटे को याद कर वह फफक-फफक कर रो पड़ती है। सोमवार शाम पुलिस मुख्यालय पर छात्र-छात्राओं के साथ पहुंचने के बाद वह आला अधिकारियों के पास पहुंची।
मुख्यालय में उसकी मुलाकात दोनों स्पेशल कमिश्नर-लॉ एंड ऑर्डर- पी. कामराज व एसबीके सिंह और दो ज्वाइंट कमिश्नर- साउथ वेस्टर्न रेंज-दीपेंद्र पाठक और साउथ ईस्टन रेंज- आर.पी. उपाध्याय से मुलाकात की। इसके अलावा मामले की जांच की मॉनिटरिंग कर रहे डीसीपी मनीषी चंद्रा भी इस दौरान मौजूद थे। सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने उन्हें जांच को लेकर की गई कवायद के बारे में बताया और यह आश्वासन दिया कि वे जल्द ही नजीब को ढूंढ निकालेंगे।

घर-बार बेच कर दे दूंगी ईनाम

वहीं जब नजीब की मां से कहा गया कि पुलिस ने उसकी सूचना देने वालों को दो लाख रुपये का ईनाम देने की घोषणा की है तो उनका जवाब था कि पुलिस क्या वह खुद ही ईनाम दे देगी। जो भी उसके बेटे के बारे में जानकारी देगा वह उसे अपना घर-बार बेचकर ईनाम दे देगी। पुलिस क्या कर रही है, इससे उसका कोई लेना-देना नहीं है। उसे तो बस अपना बेटा चाहिए।
बेटे को जानबूझ कर गायब किया गया
नजीब की मां ने तो यहां तक कह दिया कि उसके बेटे को जानबूझ कर गायब किया गया है। जिस दिन से वह गायब हुआ है, उस दिन सुबह के वक्त तक उसकी उससे बात हुई है। वह जब दिल्ली पहुंची तो उसने कहा कि वह उसके पास हॉस्टल आ रही है। वह उसका इंतजार करे। इसके कुछ देर बाद ही वह अचानक से गायब हो गया। इसका मतलब है कि किसी ने उसे जानबूझ कर गायब कर दिया है।

लखनऊ- प्रदेश की जनता के लिए CM अखिलेश का सराहनीय फैसला, नोट बदलने के लिए मोबाइल कैश वैन चलाने के निर्देश, जिलाधिकारी नोट बदलने सम्बंधी व्यवस्थाएं कराएं

लखनऊ- प्रदेश की जनता के लिए  CM अखिलेश का सराहनीय फैसला, नोट बदलने के लिए मोबाइल कैश वैन चलाने के निर्देश, जिलाधिकारी नोट बदलने सम्बंधी व्यवस्थाएं कराएं

मंगलसूत्र गिरवी रखने पर हॉस्‍पिटल ने दिया पति का शव, न थे 500 के चेंज

मंगलसूत्र गिरवी रखने पर हॉस्‍पिटल ने दिया पति का शव, न थे 500 के चेंज
मेरठ.100-100 के नोट नहीं होने पर हॉस्पिटल प्रबंधन ने एक महिला को उसके पति का शव नहीं दिया। काफी मिन्नतों के बाद भी जब हॉस्पिटल प्रबंधन ने पांच सौ रुपये के नोट नहीं लिए तो मजबूरी में उसने अपना मंगलसूत्र और अन्‍य जेवर गिरवी रखकर हॉस्पिटल के पैसे चुकाए। तब जाकर पति का शव ले जाने दिया।
तीन नवंबर को भर्ती किया था मरीज
- शहर के मिमहेंस हॉस्पिटल में हरिद्वार जिले के ज्वालापुर निवासी मनीराम को ब्रेन हेमरेज के चलते एडमिट कराया गया था।
- इलाज के दौरान ही 65 वर्षीय मनीराम की शुक्रवार को मौत हो गई। परिजनों ने मनीराम के इलाज पर हुए खर्च का बिल बनवाया।
- हॉस्पिटल की ओर से परिजनों को 22 हजार रुपये बकाया का बिल बनाकर दिया गया।
- इस बिल को जब मनीराम के बेटे उमेश व सुमित काउंटर पर गए तो उन्होंने उस वक्त अपने पास मौजूद पांच सौ के नोटों से बिल जमा कराना चाहा।
- हॉस्पिटल ने बिल के लिए सौ- सौ के नोट ही देने के लिए कहा और मनीराम की बॉडी देने से तब तक इंकार कर दिया जब तक बिल जमा नहीं किया जाता।
- हॉस्पिटल में मौजूद मनीराम के परिजनों ने अस्पताल प्रबंधन की काफी मिन्नतें करते हुए बिल पांच सौ के नोट से जमा करने का आग्रह किया।
- बावजूद इसके अस्पताल प्रबंधन की ओर से पांच सौ के नोट लेने से साफ इंकार कर दिया गया।
मंगलसूत्र और अंगूठी रखी गिरवी
- हॉस्पिटल में मौजूद परिजनों के मुताबिक उन्होंने कहा कि वह बाहर के रहने वाले हैं यहां कहां से सौ के नोटों का इंतजाम करें।
- परिजनों ने हॉस्पिटल के काउंटर पर बिल के बदले अपने जेवर गिरवी रखने को भी कहा, लेकिन वह नहीं मानें।
- परिजनों ने कंट्रोल रूम को फोन कर पुलिस भी मौके पर बुलायी लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हुआ।
- हॉस्पिटल वालों का दिल नहीं पसीजा तो मनीराम की पत्नी ने अपना मंगलसूत्र और सोने की अंगूठी शहर में ही एक ज्वैलर्स के यहां गिरवी रखकर सौ-सौ के नोटों का इंतजाम किया।
- सौ के नोट मिलने पर परिजनों ने हॉस्पिटल का बिल दिया और मनीराम की बॉडी अपने कब्जे में लेकर ज्वालापुर चले गए।
- इस संबंध में हॉस्पिटल प्रबंधन से उनका पक्ष जानने का प्रयास किया गया लेकिन संपर्क नहीं हो सका।
सीएमओ ने क्‍या कहा...
-सीएमओ विरेंद्र पाल ने बताया, मामला मेरे संज्ञान में नहीं है।
- मैने सभी हॉस्पिटल को आदेश दिया है कि किसी भी मरीज और उनके तीमारदार को कोई परेशानी न हो।
- लेकिन ये मामला निजी हॉस्पिटल का है, मैं अपने स्‍तर से कार्रवाई करूंगा।


2014 में नोट बैन को लेकर बीजेपी ने जो कहा था पूरा देश पढ़ ले तो आज ही हिल जाएगी मोदी की कुर्सी!

23 जनवरी 2014 की जीन्यूज़ में छपी खबर: भाजपा ने आरोप लगाया कि सरकार ने कालेधन पर काबू पाने के नाम पर वर्ष 2005 से पहले के सभी करेंसी नोट वापस लेने का जो निर्णय किया है वह आम आदमी को परेशान करने और उन ‘चहेतों’ को बचाने के लिए है जिनका भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है.
पार्टी ने कहा कि यह निर्णय बैंक सुविधाओं से वंचित दूर दूराज के इलाकों में रहने वाले उन गरीब लोगों की खून पसीने की गाढ़ी कमाई को मुश्किल में डाल देगा जिसे उन्होंने वक्त जरूरत के लिए जमा किया है.
भाजपा प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने यहां कहा, अवसरों को गंवाने वाले संप्रग के 10 साल के शासन में पी चिदंबरम 7 साल वित्त मंत्री रहे हैं और अब सरकारी की चली चलाई की बेला में वह लोगों द्वारा पूछे जा रहे सवालों से भागने के लिए कालेधन के विषय से जनता के असली मु्द्दों को भ्रमित करना चाहते हैं.
उन्होंने कहा, ‘..लेकिन सरकार का यह फैसला विदेशी बैंकों में अमेरिकी डालर, जर्मन ड्यूश मार्क और फ्रांसिसी फ्रांक आदि करेंसियों के रूप में जमा भारतीयों के कालेधन में से एक पाई भी वापस नहीं ला सकेगा. इससे साफ है कि सरकार का विदेशों में जमा भारतीयों के कालेधन को वापस लाने का कोई इरादा नहीं है और वह केवल चुनावी स्टंट कर रही है.’ लेखी के अनुसार दूसरी ओर इस निर्णय से दूर दराज के इलाकों के गरीबों की मेहनत की कमाई पर पानी फिर जाने का पूरा खतरा पैदा हो गया है, क्योंकि देश की 65 प्रतिशत आबादी के पास बैंक खातों की सुविधाएं नहीं हैं.
उन्होंने कहा कि गरीब और आदिवासी लोग पाई पाई करके अपनी बेटियों की शादी ब्याह और अन्य वक्त जरूरत के लिए घर के आटे-दाल के डिब्बों आदि में धन छिपा कर रखते हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे इलाकों में बैंकों की सुविधा नहीं होने के कारण अधिकतर लोग अपना धन 2005 के बाद की करेंसी से नहीं बदल पाएंगे या बिचौलियों के भारी शोषण का शिकार होंगे.
भाजपा नेता ने कहा कि देश की बहुत बड़ी आबादी ऐसी होगी जिसे इस खबर का पता भी नहीं होगा और वक्त जरूरत के लिए जब वे अपना यह कीमती धन खर्च करने के लिए निकालेंगे तब उन्हें एहसास होगा कि उनकी कड़ी मेहनत की कमाई कागज का टुकड़ा भर रह गई है. सरकार की कड़ी आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि यह निर्णय आम आदमी और आम औरत को परेशान करने तथा उन ‘चहेतों’ को बचाने के लिए है जिनका भारत के कुल सकल घरेलू उत्पाद के बराबर का कालाधन विदेशी बैंकों में जमा है.
उल्लेखनीय है कि कालेधन और नकली नोटों की समस्या से निपटने के लिये भारतीय रिजर्व बैंक ने 2005 से पहले जारी सभी करेंसी नोट वापस लेने का फैसला किया है. इसके तहत 500 रुपये व 1000 रुपये सहित सभी मूल्य के नोट वापस लिए जाएंगे और यह काम एक अप्रैल से शुरू हो जायेगा. रिजर्व बैंक ने एक बयान में कहा है, कि एक अप्रैल 2014 से लोगों को इस तरह के अपने नोट बदलने के लिए बैंकों से संपर्क करना होगा. (एजेंसी)
साभार: zeenews.com

नोट बदलने के लिए तीन दिन से चक्कर काट रहे किसान ने परेशान होकर लगाई फांसी

नोट बदलने के लिए तीन दिन से चक्कर काट रहे किसान ने परेशान होकर लगाई फांसी
छतरपुर जयप्रकाश श्रीवास: तीन दिन से अपने नोट बदलने को लेकर चक्कर काट रहे एक बुजुर्ग किसान ने फांसी लगा कर अपनी जान दे दी. घटना के बाद से पूरे इलाके में मातम फ़ैल गया. मृतक किसान की उम्र 70 वर्ष बताई जा रही है. मृतक किसान अपने खेत में बोबनी (बुबाई) करना चाहता था. इस कारन अपने नोटों को बदलना चाहता था. किंतु तीन दिनों में भी जब उसके नोट नही बदले गए तो उसने परेशान होकर अपने खेत में जाकर उसने फांसी लगा ली.
घटना जिले के बड़ामलहरा थाने की है. जहाँ नोट न बदलने को लेकर परेशान एक किसान ने अपने खेत में जाकर फांसी लगा ली. घटना बड़ामलहरा  जनपद मुख्यालय से महज 4 किलोमीटर दूर स्थित ग्राम गरखुऑ में 70 वर्षीय किसान ने बैंक से पैसे तथा सोसाइटी से खाद बीज न मिल पाने के कारण आत्महत्या कर ली. जानकारी के अनुसार हल्के लोधी पिता लाल्ले सत्तर वर्षीय निवासी गरखुवा  8 एकड़ का किसान है तथा उसके खेत पानी देने के बाद बोवनी के लिए बिल्कुल तैयार थे.पिछले वर्ष के खाद के बकाया पैसे सोसायटी में जमा ना हो पाने के कारण यह किसान डिफाल्टर था और बंधा सोसायटी पहुंचने पर खाद बीज उधार देने से समिति कर्मचारियों द्वारा  मना कर दिया गया.
मृतक की पत्नी  सुक्की बाई व बड़े बेटे माखन लाल ने बताया उसका पिता लगातार पिछले तीन दिन से भारतीय स्टेट बैंक बड़ा मलहरा की शाखा में नोट बदलने के लिये लंबी लाइन में सुबह से शाम तक लगा रहा, ताकि पैसे मिलने पर नकद खाद बीज खरीद सके. लेकिन पैसे ना मिल पाने के कारण रोज घर लौट जाता था.जब दिन भर लाइन में लगे रहने व पैसे न मिल पाने से परेशान किसान के  खेत सूखने लगे तो उसने घर जाकर अपने खेत पर स्थित अमरूद के पेड़ पर प्लास्टिक की रस्सी से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. हलके के तीन बेटों में से दूसरे नंबर का बेटा लगभग 7 वर्ष पूर्व एक वाहन दुर्घटना में खत्म हो गया था. जिसकी बीवी और बच्चों सहित छोटे बेटे के भरण पोषण का भार उसके सिर पर था. फ़िलहाल पुलिस ने मर्ग कायम कर जाँच जारी की. घटना की जानकारी लगते ही एसडीएम दिव्या अवस्थी ने मृतक के घर जाने के लिये तहसील दार व पटवारी हल्का को निर्देश दिए.

बीजेपी कार्यकर्ता बैंक में लगा रहे थे मोदी मोदी के नारे, परेशान जनता ने कर दी कुटाई


मध्य प्रदेश : मध्य प्रदेश के शहडोल में 19 नवंबर को वोट पड़ने हैं, और बैंकों में लंबी-लंबी लाइनें लगाकर परेशान जनता भाजपा और मोदी को कोस रही है. ऐसे में कुछ भाजपाइयों ने बैंकों में जमा भीड़ का फायदा उठाते हुए भाजपा के पर्चे बाँटना शुरू किए, तो गुस्साए लोगों ने उन्हें खदेड़ दिया. 500 और 1000 के नोटों के बंद हो जाने के बाद परेशान हो रही जनता के बीच, शहडोल लोकसभा सीट के उपचुनाव मे भाजपा जिंदाबाद के नारे लगाना कुछ उत्साही कार्यकर्ताओं को महंगा पड़ा.
हिंदी न्यूज़ रूम के अनुसार, ऐसा ही कुछ ग्रामीण आदिवासी इलाकों में हुआ. कुछ उत्साही और समर्पित भाजपा कार्यकर्ता जनता की परेशानियों को किनारे कर शनिवार की रात को भाजपा उम्मीदवार ज्ञान सिंह के पक्ष में वोट मांगने पहुँचे, तो गाँव वालों ने उन्हें डाँट-फटकार कर भगा दिया. कुछ कार्यकर्ताओं के साथ मार-पीट भी की गई. पिटे भाजपा कार्यकर्ताओं ने जब अपने बड़े नेताओं को ये बात बताई तो उन्होंने उन्हें चुप रहने को कहा और समझाया कि अगर ये बात फैल गई तो आगे माहौल और भी खराब हो सकता है.
फिलहाल, भाजपा कार्यकर्ताओं ने सुरक्षा मुहैया कराए बिना, जनता के बीच मोदी जिंदाबाद के नारे लगाने, और भाजपा को वोट देने से इन्कार कर दिया है. प्रचार अभियान में कार्यकर्ताओं की कमी से जूझ रही भाजपा के सामने मुश्किल हो गई है. हर सामान्य कार्यकर्ता को पुलिस सिक्योरिटी देना मुश्किल लग रहा है, और ऐसे में कार्यकर्ता केवल बड़े नेता या मंत्रियों के साथ ही लगकर प्रचार करके अपनी औपचारिकता निभा रहे हैं.
भाजपा के प्रचार की कमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गृहमंत्री भूपेंद्र सिंह को सौंपी है. कार्यकर्ताओं के अकेले बिना सिक्योरिटी के प्रचार में जाने से इन्कार की जानकारी उन्हें भी दी गई बताई जा रही है, लेकिन अभी गृहमंत्री की तरफ से कोई रिएक्शन नहीं मिला है. अनौपचारिक बातचीत में कुछ भाजपा कार्यकर्ताओं ने बताया कि इस बारे में पार्टी के नेताओं ने आपसी चर्चा तो की है, लेकिन उसका कोई नतीजा अभी तक बताया नहीं गया है.
शहडोल लोकसभा सीट पर उपचुनाव भाजपा सांसद दलपत सिंह परस्ते के निधन के बाद हो रहा है. भाजपा ने दलपत सिंह परस्ते की बेटी और बेटे को दरकिनार करते हुए मंत्री ज्ञान सिंह को टिकट दिया है, और उनका मुकाबला गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हीरासिंह मरकाम से है. हीरा सिंह मरकाम को छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री और शहडोल के जिला कलेक्टर रहे अजीत जोगी का भी समर्थन मिल गया है. अजीत जोगी का इलाका मरवाही शहडोल से ही लगा है.

नई मुसीबतः बाजार में नहीं चल रहा 2000 का नया नोट, जानिए क्यों?

2000 new note not working in market due to no change money in return from shopkeepers

500 और 1000 के नोटों का सामधान हुआ नहीं था कि लोगों के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई। दरअसल, 2000 का नोट भी बाजार में नहीं चल रहा है।

पहले तो लोग दो हजार का नोट हाथ में देखकर खुश होते रहे, लेकिन जैसे ही वे शॉपिंग करने मार्केट गए बड़ा झटका लगा। दुकानदार ने ये कहते हुए नोट लेने से इंकार कर दिया कि खुले पैसे नहीं हैं।

दुकानदारों का कहना है कि उनके पास सौ-सौ के नोट ही नहीं पहुंचे, ऐसे में वे दो हजार का नोट कैसे लें ले। इस तरह से दो हजार का नोट भी 500 और 1000 के नोटों की जमात में शामिल हो गया है।

दुकानदारों के पास खुले पैसे नहीं होने के कारण लोग रोजमर्रा की चीजों के लिए परेशान होते नजर आए। खासतौर पर दूध, फल, सब्जी और दवाइयों के लिए। इस कारण लोग दो हजार के नोट को लेकर भटकते रहे।

दूसरी ओर, दो हजार के नोट को लेकर एक समस्या इसकी पहचान न होना भी है। लोगों का कहना है कि दो हजार के नोट को लेकर अभी तक स्थिति साफ नहीं है। ये असली है या नकली, कैसे पहचाना जाए। कई दुकानदार इस तरह की बात भी करते मिले।

2000 new note not working in market due to no change money in return from shopkeepers

Saturday 12 November 2016

हालात नहीं संभले तो लड़खड़ा सकता है देश, IMF ने भी जताई चिंता

keep-finger-crossed-for-economy अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत सरकार के 1000 और 500 रुपये के पुराने नोटों को बंद करने के फैसले का समर्थन तो किया है लेकिन इस बात पर चिंता जताई है कि भारत नए नोटों को लाने के दौरान अपनी अर्थव्यवस्था को स्थिर कैसे बनाए रख पाएगा.
आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी रीस ने रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा कि वह भारत के भ्रष्टाचार से लड़ने और अर्थव्यवस्था में गैरकानूनी तरीकों से आने वाले पैसे को रोकने के लिए उठाए गए कदम का समर्थन करते हैं. इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा है कि भारत में ज्यादातर कामों के लिए लोग बड़े पैमाने पर कैश के जरिए ही लेन-देन होता है और ऐसी स्थिति में सरकार को कोशिश करनी चाहिए कि वह करेंसी नोटों को बदलने का काम ऐसे मैनेज करे जिससे लोगों को कम-से-कम परेशानियों का सामना करना पड़े.
आईएफएम इसलिए चिंतित है क्योंकि नोटों की कमी होने से देश में सामान की खपत पर बुरा असर पड़ रहा है. लोग सिर्फ ज़रूरी खर्च कर रहे हैं और ज्यादा खर्च वाले काम को भविष्य के लिए टाल रहे हैं. लेकिन अगर लगातार किल्लत रहती है तो उद्योग दो से तीन महीने से ज्यादा इसे संभाल नहीं पाएंगे और दूसरा संकट खड़ा होना शुरू हो जाएगा. ये संकट होगा रोजगार और दूसरी चीज़ों पर अर्थ व्यवस्था की मंदी से पड़ने वाला संकट.
अर्थशास्त्रियों को इससे भी बड़ी चिंता बाज़ार में कैश में कमी होने से इसलिए भी है क्योंकि लक्जरी सामान और महंगी कमोडिटीज की खरीदारी करने वाला तबका ज्यादातर कैश से ही खरीदारी करता था और ये कैश अकाउंटेड नहीं होता था. आने वाले कम से कम एक साल तक इस तबके की खरीदारी पर भी ब्रेक लग जाएगा.

कालाधन केवल 1% लोगों के पास है फिर 99% लोगों को क्यों किया जा रहा परेशान- ममता बनर्जी

कालाधन केवल 1% लोगों के पास है फिर 99% लोगों को क्यों किया जा रहा परेशान- ममता बनर्जी कोलकाता: 500 और 1000 रुपये के नोट बंदी को लेकर हो रही परेशानी के चलते पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि दो लाख से ज्यादा ATM बंद हैं। पैसे नहीं है। लोगों को बहुत ज्यादा समस्या हो रही है। केवल एक फीसदी लोगों के पास कालाधन है। फिर 99 फीसदी लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है। केंद्र का यह फैसला काला धन कम करने के लिए नहीं है। इससे लोगों को परेशान क्यों किया जा रहा है।

माँ बाप से बिछड़कर बहुत रो रहा है ये मासूम, शेयर कर इस बच्चे की सहायता करें

  ये लड़का अपना नाम रिशु बता रहा है....बहुत घबराया हुआ है ..मेरठ बस स्टैंड के पास मिला है... आपका 1 सेकंड रिशु को घर पंहुचा देगा...पूरे देश के दोस्त हरियाणा अब तक और स्टार हरियाणा से जुड़े हैं इसलिए हो सकता है आप सब में शेयर से ये मासूम जल्द अपने परिवार के पास पहुँच जाये ।

Aa gaya market mai 2000 ka nakli note

रुपया बंदी पर मोदी सरकार के गोपनीयता के दावे की उधड़ी बखिया, अखबार की कटिंग हुई हुई वॉयरल

नोटबंदी पर मोदी सरकार और भाजपा अध्यक्ष द्वारा गोपनीयता के दावे की सोशल मीडिया पर एक अखबार की खबर से बखिया उधड गयी है. लोग इसे सोशल मीडिया पर शेयर करके केंद्र सरकार और काला धन वालों की मिलीभग बता रहे हैं.
jagran सरकार, आरबीआई और वित्त मंत्रालय के साथ साथ भाजपा अध्यक्ष अमितशाह बार-बार यह दावा कर रहे हैं कि नोटबंदी का फैसला इतना गोपनीय था कि इसकी खबर किसी को नहीं लगी. वित्त मंत्री अरुण जेटली दावा कर रहे हैं कि ऐसे फैसले गोपनीयता के साथ ही लिये जाते हैं ताकि लोगों को अपने काले धन को सफेद बनाने का वक्त तक न मिले.  लेकिन सच्चाई यह है कि दैनिक जागरण ने इस खबर को नोटबंदी के फैसले के दस दिन पहले ही कानपुर डेटलाइन से यह एक्सक्लुसिव खबर छाप दी थी. बृजेश दुबे ने अपनी खबर में 27 अक्टूबर को ही लिख दिया था कि रिजर्व बैंक 2000 रुपये के हाई सेक्युरिटी के नोट ला सकता है और हजार व पांच सौ रुपये के मौजूदा नोट का चलन बंद किया जा सकता है. दुबे ने अपने विश्वस्त सूत्रों के हवाले से यहां तक उद्घाटित कर दिया था कि सरकार यह कदम इसलिए उठाने जा रही है क्योंकि 2016 में आय घोषणा की योजना उसकी उम्मीदों के अनुकूल नहीं हुई है.

दैनिक जागरण की इस खबर की कटिंग को लोग सोशल मीडिया पर खूब शेयर कर रहे हैं. कांग्रेस के मंजीत आनंद साहू ने भी इस खबर को शेयर किया है. लोग  सवाल उठा रहे हैं कि दैनिक जागरण के पाठकों की संख्या करोड़ में है ऐसे में काला धन रखने वाले हजारों लोगों को इस खबर के ब्रेक होने का लाभ मिला होगा. अनुमान जताया जा रहा है कि अरबों रुपये के काले धन को इस खबर के प्रकाशन के बाद सफेद बना लिया गया होगा. ऐसे में वित्त मंत्री अरुण जेटली और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का दावा झूठा साबित हुआ है कि नोटबंदी का फैसला अतिगोपनीय था. अब सवाल यह भी है कि सरकार और आरबीआई के अंदर मौजूद जिन लोगों ने इस खबर को सार्वजनिक करने में मदद की उसके खिलाफ देशद्रोह का मुकदमा चलेगा क्या ?

लापता बेटे को ढूंढने के बजाय माँ को ही पुलिस किरफ्तार कर रही है।ये अँधा कानून नही तो क्या है?


नई दिल्ली। जेएनयू छात्र नजीब को तलाशने के लिए चल रहे आंदोलन ने जोर पकड़ लिया है दिल्ली पुलिस पर दबाव बनाने के लिए आन्दोलनकारी अपने आंदोलन को तेज कर दी है। सूत्रों से मिल रही खबर के मुताबिक नजीब की मां को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। जेएनयू के छात्रों ने इंडिया गेट के पास जोरदार प्रदर्शन किया, विरोध-प्रदर्शन में शामिल होने पहुंची नजीब की मां को पुलिस ने हिरासत में ले लिया। पुलिस ने कुछ छात्रों को भी हिरासत में लिया है। पुलिस का कहना है कि धारा-144 तोड़ने के आरोप में इन लोगों को हिरासत में लिया गया है। दिल्ली पुलिस की मानें तो धारा 144 लगे इलाके में ये लोग विरोध-प्रदर्शन कर रहे थे। दिल्ली पुलिस द्वारा नजीब की मां को हिरासत में लिए जाने पर केजरीवाल ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा है, उन्होंने कहा कि नजीब 23 दिनों से लापता है और उसकी मां को पुलिस घसीटते हुए ले जाती है। केजरीवाल ने कहा कि मोदी जी इन परिवारों का

Friday 11 November 2016

नोटबंदी पर अखिलेश यादव ने पूछा- क्या गरीब लोगों के पास कालाधन है?

नई दिल्ली: यूपी के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज सरकार के नोटंबदी के फैसल पर नाराजगी जताते हुए कहा है कि बिना तैयारी के सरकार ने फैसला किया जिसकी वजह से लोगों को काफी परेशानी हो रही है.
लखनऊ में शिखर समागम में बोलते हुए अखिलेश यादव ने नोटबंदी पर चुटकी भी ली और कहा कि अब तो लोग नाश्ता भी लाइन में खड़े होकर कर रहे हैं. अखिलेश ने सरकार से पूछा कि 'जो लोग परेशान हो रहे हैं क्या उन गरीब लोगों के पास कालाधन था? सरकार को भी पता है कि कालाधन किसके पास है. कालाधन आएगा तो हमें भी खुशी होगी लेकिन इससे आम लोगों को परेशानी नहीं होनी चाहिए.'
इसके साथ ही बीजेपी पर निशाना साधते हुए अखिलेश ने कहा कि अच्छे दिन वालों ने यूपी के लोगों के लिए क्या किया है?  अखिलेश ने नमक की किल्लत की अफवाह पर भी कहा, 'आखिर ये अफवाह कौन फैला रहा है? जो अफवाह फैलाने वाले हैं वो हो सकता है कि आरएसएस और बीजेपी के हों…'
यहां पर बात करते हुए अखिलेश यादव ने ये भी साफ किया कि उनके परिवार में अब कोई झगड़ा नहीं है. माइक छीनने के सवाल पर अखिलेश ने कहा कि सबको पता है कि माइक किसने छीना.
अपने संबोधन में अखिलेश ने सपा सरकार की उपलब्धियां गिनाईं और कहा कि यूपी में सड़कों से लेकर बिजली तक हर क्षेत्र में विकास हो रहा है. अखिलेश ने कहा कि लैपटॉप के बाद यूपी के लोग स्मार्टफोन की ओर जा रहे हैं.
नोटबंदी पर अखिलेश यादव ने पूछा- क्या गरीब लोगों के पास कालाधन है?

नोट बंदी के बाद मरीजों की तकलीफ को देख छलका सीएम का दर्द, उन्होंने उठाया यह बड़ा कदम

up-police-akhilesh मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने 500 और 1000 के नोट बंद होने के बाद मरीजों के दिक्कत को देखते हुए केंद्र सरकार से एक बड़ी मांग की हैं. उन्होंने केंद्र सरकार से अस्पतालो, निजी नर्सिंग होम्स, दवा की दुकानों में 30 नवम्बर तक 500 और 1000 के नोट को मान्य किए जाने की मांग की है. अखिलेश ने कहा है कि 500-1000 के नोट बंद होने से मरीजों की स्थिति जानलेवा हो रही हैं. आपको बात दें कि अखिलेश ने जनता के हित को लेकर देश के वित्त मंत्री को एक पत्र लिख कर अपनी इस मांग को रखा है.
अखिलेश के इस पत्र में यह लिखा गया है कि भारत सरकार ने तत्काल प्रभाव से 500-1000 रुपये के नोट को कतिपय प्रतिबंधों के कारण अवैध घोषित किया है. उन्होंने लिखा की बहुत बड़ी जनसंख्या चिकित्सीय सेवा के लिए निजी क्षेत्र पर निर्भर है
latter  गरीब, किसान तथा आम आदमी इस प्रतिबंध के बाद चिकित्सीय सेवा का अपेक्षित लाभ लेने में नाकाम रहेगा. उसको भारी असुविधा हो रही है, साथ ही में इलाज में हो रही विलंब उसके लिए जानलेवा साबित हो रहा है. यह सारी परेशानीयां 500 और 1000 के नोट के अचानक प्रतिबंध लागने के कारण ही उत्पन्न हुई हैं. इसलिए आपसे अनुरोध है कि सभी अस्पताल व नर्सिंग होम्स में 30 नवंबर तक बंद नोट को मान्य करने का कष्ट करें.

"हम यूपी में पुराने नोट ही चलायेंगे, देखें हमें कौन रोकता है": मुलायम-मायावती ने भरी हुंकार

लखनऊ. सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और ‘जगत-नेताजी’ मुलायम सिंह यादव ने पुराने नोटों पर लगे बैन को मानने से इनकार कर दिया है। उन्होंने आज सुबह एलान कर दिया कि “हंव यूपी में पुआने नौट ई चयायेंगे, देखैं हंवै कौंय योकता है।” इसके बाद उन्होंने अपने समर्थकों के साथ एक परचून की दुकान पर ज़बरदस्ती पांच सौ के पुराने नोट से चीनी और रिफाइंड खरीदा और नये नोट-क़ानून को तोड़ा।
दुकान से जाते-जाते मुलायम ने थोड़ा ‘मुलायम’ होते हुए कहा कि “मौदी नै अच्छा नई किया। उनै सबको नयी तौ कंव सै कंव ओवीसी, दयितों औय महियाओं को नोट चयाने सै छूट दैंयी चईयै थी।”

पांच सौ का पुराना नोट चलाने के लिये रवाना होते मुलायम

हैरानी की बात है कि मुलायम की इस बग़ावत का बीएसपी सुप्रीमो बहन मायावती भी समर्थन कर रही हैं। बहनजी का कहना है कि “पहली बार मुलायम ने कोई ढंग की बात करी है।” जब एक पत्रकार ने कहा कि “लेकिन बहनजी, ये तो सरासर क़ानून का उल्लंघन है” तो मायावती बोलीं- “बीजेपी ने भी तो दिल्ली में ऑड-ईवन वाला नियम तोड़ा था। उनके विजय गोयल ने ऑड वाले दिन ईवन नंबर की गाड़ी चलायी थी। बस, हम भी वो ही कर रहे हैं।”
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इस बीच, सूत्रों के हवाले से पता चला है कि यूपी में राजनीतिक पार्टियां वोटरों में 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट बांट रही हैं। वोटर बैंक में जाकर इन पुराने नोटों के बदले में एक हज़ार के नये नोट लेंगे और फिर उनमें से 500 अपने पास रखेंगे और बाक़ी के 500 पार्टी को वापस लौटा देंगे।
हमारे संवाददाता ने अपनी आंखों से देखा कि एक बैंक के बाहर एक नेता टाइप का बंदा लोगों को 1000-1000 के नोट थमा रहा था और कह रहा था कि “इलेक्शन से 4 महीना पहले दे रहे हैं। इसे एडवांस समझो बेटा! चुनाव के टाइम पे भूल मत जाना कि हमने तुम्हें क्या दिया था और तुमने हमसे क्या लिया था। समझ गये?”
सूत्रों का यह भी कहना है कि राज्य में गुप्त रूप से ‘समाजवादी नोट बदलो योजना’ लागू हो गयी है। योजना लागू होते ही पूरे प्रदेश में जगह-जगह हज़ार का नोट बदलवाने आये लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी है।