Tuesday 15 November 2016
ब्लैक मनी पर अगला वार, ऐसे खातों में सिर्फ जमा कर सकेंगे 50,000 रुपए
नई दिल्ली (15 नवंबर): काले धन पर लगात लगाने के लिए मोदी सरकार हर हथकंड़ा अपनाने में लगी हुई है। नोटबंदी के बाद जन-धन खातों में लोग रकम डालकर उसे ब्लैक से व्हाइट करने में लगे हुए हैं, ऐसे लोगों पर भी सरकार की कड़ी नजर है।
नोटबंदी की घोषणा के बाद देश के कई हिस्सों से जन-धन खातों में बड़ी मात्रा में नकदी जमा होने की खबरें आने के बाद वित्त मंत्रालय ने मंगलवार को जन-धन खातों में नकदी जमा करने की सीमा घटाकर 50,000 रुपए कर दी है।
जन-धन खाताधारकों को काला धान जमा करने के लिए दूसरों को अपने खातों का उपयोग नहीं करने देना चाहिए...
- बैंकों को इन खातों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
- अन्य बैंक खातों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि जिन खातों में डेढ़ या दो लाख रुपए जैसी छोटी राशि जमा हो रही है, उनकी जांच करने की फजीहत मोल नहीं ली जाएगी।
- इस समय एटीएम बूथों से प्रतिदिन अधिकतम 2,500 रुपए निकाले जा सकते हैं।
- बैंकों से अधिकतम 4,500 रुपए के पुराने अमान्य नोट बदले जा सकते हैं।
- वहीं बैंक काउंटर से हर सप्ताह अधिकतम 24,000 की नकद निकासी की जा सकती है।
- बैंकों को इन खातों पर नजर रखने के लिए कहा गया है।
- अन्य बैंक खातों के संबंध में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने सोमवार को कहा था कि जिन खातों में डेढ़ या दो लाख रुपए जैसी छोटी राशि जमा हो रही है, उनकी जांच करने की फजीहत मोल नहीं ली जाएगी।
- इस समय एटीएम बूथों से प्रतिदिन अधिकतम 2,500 रुपए निकाले जा सकते हैं।
- बैंकों से अधिकतम 4,500 रुपए के पुराने अमान्य नोट बदले जा सकते हैं।
- वहीं बैंक काउंटर से हर सप्ताह अधिकतम 24,000 की नकद निकासी की जा सकती है।
सख्त हुई सरकार, खाते में जमा हुए 39 हजार से ज्यादा तो देना होगा हिसाब!
नई दिल्ली (14 नवंबर): काले धन को सफेद करने में लगे लोगों पर मोदी सरकार एक के बाद एक वार करने में लगी हुई है। भले ही विपक्ष सरकार के इस कदम की आलोचना कर रही हो, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने साफ कर दिया है कि वह इस मामले में पीछे हटने वाले नहीं है।
नोटबंदी के बाद मचे हाहाकार के बीच सरकार ने बीपीएल कार्ड धारकों के लिए जरूरी निर्देश जारी किए हैं। देखिए और जरूरी फॉलो करें...
- निर्देशों के तहत, बीपीएल कार्ड धारकों को किसी दूसरे के पैसे जमा कराने से बचना होगा।
- अगर बीपीएल कार्ड धारक के खाते में 39 हजार रुपये से ज्यादा पैसे हुए तो उसे इन पैसों का ब्यौरा बैंक देना होगा।
- कहा गया है कि अगर अकाउंट में जमा पैसे किसी और निकले तो उस खाते के बीपीएल कार्ड धारक को सजा भुगतनी होगी। उसका नाम बीपीएल की सूची से हमेशा के लिए कट सकता है।
- इतना ही नहीं, बीपीएल कार्ड धारक को इसके कारण 200 गुणा जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
- ऐसे में लोगों के लिए जरूरी है कि वे झांसे में आकर किसी दूसरे के पैसे अपने अकाउंट में जमा कराने से बचें।
- अगर बीपीएल कार्ड धारक के खाते में 39 हजार रुपये से ज्यादा पैसे हुए तो उसे इन पैसों का ब्यौरा बैंक देना होगा।
- कहा गया है कि अगर अकाउंट में जमा पैसे किसी और निकले तो उस खाते के बीपीएल कार्ड धारक को सजा भुगतनी होगी। उसका नाम बीपीएल की सूची से हमेशा के लिए कट सकता है।
- इतना ही नहीं, बीपीएल कार्ड धारक को इसके कारण 200 गुणा जुर्माना भी भरना पड़ेगा।
- ऐसे में लोगों के लिए जरूरी है कि वे झांसे में आकर किसी दूसरे के पैसे अपने अकाउंट में जमा कराने से बचें।
ख़ुफ़िया एजेंसियों का केंद्र सरकार को अलर्ट ,हालात नही सुधरे तो स्थिति हो जाएगी विस्फोटक
नई दिल्ली- 500 और 1000 के नोट बंदी पर केंद्रीय ख़ुफ़िया एजेंसियों ने केंद्र सरकार को आगाह किया है कि 48 घंटे में करेंसी सप्लाई के हालात नहीं सुधरे तो ये कानून व्यवस्था के लिए बड़ा खतरा बन सकता है.
राज्यों ने भी केंद्र सरकार को भेजी रिपोर्ट में चेतावनी दी है कि अगर एक दो दिन में हालात न सुधरे तो बैंक और एटीएम के बहार स्थिति को संभालना मुश्किल हो सकता है.
ख़ुफ़िया रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि कुछ स्वार्थी असामाजिक तत्व, जिनका सरकार के फैसले से नुकसान हुआ है, जनता को उकसाने में लगे हैं.रिपोर्ट के मुताबिक बिहार, यूपी, पंजाब, मध्यप्रदेश , झारखण्ड और पश्चिम बंगाल में सक्रिय कुछ राजनीतिक कार्यकर्ता भी मौके को भुनाने में लगे हुए हैं.
ख़ुफ़िया रिपोर्ट में नक्सली इलाकों और जम्मू कश्मीर में बैंक और एटीएम से कैश लुटे जाने की आशंका जताते हुए पुख्ता सुरक्षा देने की बात कही गई है. राज्यों की माँग है कि आपात सेवाओं और शादी, इलाज बुजुर्गों के लिए तत्काल विशेष इंतजाम किए जाएं.
खुफिया रिपोर्ट के बाद सरकार और गृह मंत्रालय हरकत में है. आला अधिकारियों की टीम ने राज्य पुलिस प्रमुखों से फोन पर बात कर हालात की समीक्षा की. वित्त मंत्रालय और बैंकों को भी खतरे की रिपोर्ट भेजी गई.
साभार -ABPNEWS
बिहार के इस सब-इंस्पेक्टर की 6 बातें अगर मोदी सरकार मान ले तो किसी के पास नहीं बचेगा कालाध
Bjp सरकार सचमूच चाहती हैँ कि काला धन भारत से समाप्त हो जाय तो मेरे कुछ सुझाव हैं.
1.भारत सरकार का हीरा, पन्ना एवं सोना खरीदने एवं रखने वालो के लिए नया कानून बनाय अगर आपके पास ज्वेलरी है या सोने के बिस्किट या किसी अन्य रूप में सोना है तो 30 दिंबम्बर तक सोना खरीदने एवं रखने वालो के लिए सोने का रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य कर दिया जाय. 3 (तीन) लाख तक की ज्वेलरी रजिस्ट्रेशन फ्री करे इससे ज्यादा की ज्वेलरी पर टैक्स लगेगा तथा इसके बाद यदि कोई व्यक्ति बिना रजिस्ट्रेशन वाला सोना रखता है तो वह सरकारी खजाने में जब्त किया जायेगा तथा अर्थ दंड भी बसूला जाय.
2.वर्ष 2000 से ज़ितनी भी ज़मिन का nibandhan हुवा हैं और ज़िसका रसीद कटता हैं. सरकार उनके लिय निर्देश जारी करे कि 31 दीसंबर तक फीर से nibandhan कार्यलाय जाकर अपने deed पर आधार कार्ड नंबर और pancard नंबर linkup करवा ले जो किसी भी सम्पती का linkup नही करवाते हैं माना जयगा कि आवैध हैं और ज़प्त होगी.
3. हीरा ,पन्ना एवं स्वर्ण व्यवसायी जो भी सोना खरीदे और बेचे उसके रसीद पर adhar card एवं pan card number अंकित करे और उसकी एक कोपी distic cell tax department को रोज मेल करे य़ा सरकार एक website जारी करे ज़िसमे online darz किया जा सके. जो ऐसा नही करेंगे और जाँच में पकरे गय तो 200% जूर्माना.
4. आज से ज़ितनी भी सामान खरीद बिक्री हो ज़िसका लेखा जोखा 5000 रूपय से अधिक हो उसके लिय आधार नंबर एवं पैन नंबर ज़रूरी कर दिया जाय.
5. वर्ष 1990 से आज तक ज़ितने भी मकान खरीदे गय हैं उसके वर्तमान मालिक नगर निगम , नगर पालिका , नगर परिसद जहाँ भी उनका सालाना tax ज़मा होता हैँ वाहाँ 31 दीसंबर तक जाकर अपना आधार कार्ड एवं pan card linkup करवा दे.
6.वर्ष 2000 के बाद से ज़ितनी भी वाहन खरीदे गय है उनके वर्तमान मालिक RTO क जाकर 30 दिसंबर तक अपना ADHAR एवं Pan कार्ड linkup करवाने का आदेश दे.
मेरा दावा हैं कि उपरोक्त बातो को अमल में लाते ही भारत देश के अंदर का सारा काला पैसा चाहे वो ज़िस रूप में हैँ 31 दीसंबर तक सरकार के आंखो के सामने होंगे. इतने धन कूबेर नंगे होंगे जो विस्वास से परे होगा और यह तोहमत भी सरकार पर नहीं लगेगी कि अपने लोगो को सरकार ने पहले ही सूचित कर दिया कि ऐसा होने वाला हैं और वो अपना पैसा पहले ही invest कर दिय जो बाद में बेच कर white money प्राप्त कर लेंगे क्योकी अगर वास्ताव में ऐसा हैं तो वो भी पता चल जायगा उपरोक्त बातो को अपनाने से साथ ही भ्रसटाचार घूसखोरी घोटाला एक साथ समाज से समाप्त हो जाएगा वो भी सदा के लिय …….
तब गांधी और पटेल के भारत का होगा सही माएना में विकास
मुझे दुख के साथ कहना पर रहा हैं कि इस निती से भले ही काला धन जो नोटो के सक्ल में कुछ लोगो के पास है उसे ही समाप्त कर सकते हैं पर काला धन के अन्य रूपो को समाप्त नही कर सकते हैं जो विधमान रह जाएगी और वही रूप फीर से काला धन को जन्म देगी और सीर्फ वे ही लोगो को फायदा होगा यानि फीर से ढाक के तीन पात.
मुझे दुख के साथ कहना पर रहा हैं कि इस निती से भले ही काला धन जो नोटो के सक्ल में कुछ लोगो के पास है उसे ही समाप्त कर सकते हैं पर काला धन के अन्य रूपो को समाप्त नही कर सकते हैं जो विधमान रह जाएगी और वही रूप फीर से काला धन को जन्म देगी और सीर्फ वे ही लोगो को फायदा होगा यानि फीर से ढाक के तीन पात.
तब गांधी और पटेल के भारत का होगा सही माएना में विकास
मुझे दुख के साथ कहना पर रहा हैं कि इस निती से भले ही काला धन जो नोटो के सक्ल में कुछ लोगो के पास है उसे ही समाप्त कर सकते हैं पर काला धन के अन्य रूपो को समाप्त नही कर सकते हैं जो विधमान रह जाएगी और वही रूप फीर से काला धन को जन्म देगी और सीर्फ वे ही लोगो को फायदा होगा यानि फीर से ढाक के तीन पात.
मुझे दुख के साथ कहना पर रहा हैं कि इस निती से भले ही काला धन जो नोटो के सक्ल में कुछ लोगो के पास है उसे ही समाप्त कर सकते हैं पर काला धन के अन्य रूपो को समाप्त नही कर सकते हैं जो विधमान रह जाएगी और वही रूप फीर से काला धन को जन्म देगी और सीर्फ वे ही लोगो को फायदा होगा यानि फीर से ढाक के तीन पात.
note :- अगर मेरे विचार सही हैं तो बात सरकार तक ज़ानी चाहिये और ट्रटीपुर्ण हैं तो सुझाव आनी चाहिये आखिर मस्ला देशहित का हैं तो हर नागरिक को अपने विचार रखने चाहीए.
पवन कुमार. सब इंस्पेक्टर. बेगुसराय.
पवन कुमार. सब इंस्पेक्टर. बेगुसराय.
Monday 14 November 2016
Is khel ko kon kon samjha
😲भारत के इतिहास का सबसे बड़ा खेल 😥😥😥😥 दो लोगों ने कैसे सवा सौ करोड़ की जनता को मूर्ख बनाया❓❓❓❓❓❓ क्या मुकेश अंबानी रूपयों के बदलाव के बारे में सबकुछ पहले से ही जानते थे ? उन्होंने अरबों - खरबों रूपये जियो में लगा दिए और उसे 30 दिसंबर तक फ्री कर दिया ? और आश्चर्यजनक बात है कि आप 30 दिसंबर तक ही रूपये बदल सकते हैं। उसके बाद जनवरी 2017 से जियो को पूरा return white money के रूप में मिलेगा। इसको कहते हैं। एक बड़े बिजनेसमैन का masterstroke या पूरे देश को मूर्ख बनाने वाली एक और शातिर चाल....ये तो वक्त ही बतायेगा। आपको यह जानकर आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि क्यों रघुराम राजन जैसे ईमानदार, देशभक्त व्यक्ति को हटाकर उनकी जगह मुकेश अंबानी के बहनोई (जीजा) व Reliance कंपनी के CEO को बड़ी जल्दबाजी करके Reserve Bank of India का गवर्नर बना दिया गया। What a game... कुछ तो देश के बारे में सोचो....... देशहित में ज्यादा से ज्यादा शेयर करें ..........
एटीएम लाइनों में मरे लोगों पर भाजपा नेता का बयान “लोग तो राशन की लाइन में भी मर सकते हैं”
भोपाल। नोटबंदी बदलने के लिए बैंकों के सामने लग रही लंबी क़तारों और दर्जनों की मौत के बाद भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष और मध्य प्रदेश प्रभारी डॉ. विनय सहस्रबुद्धे ने असवेंदनशील बयान दिया है। जब उनसे क़तार में लगे लोगों में से कुछ के दम तोड़ने के बारे में सवाल किया गया तो सहस्रबुद्धे ने कहा, “लोग राशन की लाइन में भी मर सकते हैं.”
इसके फौरन बाद उन्होंने कहा कि इसे ठीक करने की कोशिश की जाएगी, ताकि ऐसी घटना न हो। मध्य प्रदेश के सागर में शनिवार को एक रिटायर्ड कर्मचारी की मौत बैंक की लाइन में नोट बदलवाने के दौरान हो गई थी।
इसके अलावा बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत देश के अन्य इलाक़ों से भी इस तरह की ख़बरें आई हैं।
इसके अलावा बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र समेत देश के अन्य इलाक़ों से भी इस तरह की ख़बरें आई हैं।
बीबीसी की खबर के मुताबिक उन्होंने कहा कि कालेधन के खिलाफ संघर्ष चल रहा है। जनता सत्याग्रही के रूप में थोड़ा कष्ट सहना चाहिए। ये केवल एक कानूनन निर्णय नहीं, जन आंदोलन है। उन्होंने कहा कि लोग बहुत हड़बड़ी में काम कर रहे हैं, मैं उनसे कहना चाहता हूं कि अभी बहुत समय है सब आराम से अपना काम करवाए।
कई घंटों तक ATM लाइन में लगने के बाद नहीं मिले पैसे तो युवती ने गुस्से में उतार दिए अपने कपड़े
नई दिल्ली: मयूर विहार फेज-3 में एटीएम लाइन में लगी एक युवती गुस्से में अपना कपड़ा उतार दिया। युवती काफी लम्बे समय से इंतजार कर रही थी। लम्बी लाइन होने की वजह से वो काफी थक गई तो उसने विरोध स्वरूप गुस्से में आकर अपना टॉप उतार दिया। युवती ने जिस प्रकार से सरकार और उसके नोटबंदी का विरोध किया उस लोग भौचक रह गए।
घटना के तुरंत बाद पुलिस आ गई। पुलिस द्वारा युवती को गाजीपुर थाना ले जाया गया जहां उसे काफी समझा-बुझा गया और दोबारा उसे एटीएम ले जाकर उसे पैसे दिलाए गए। एक प्रत्यक्षदर्शियों मीडिया को बताया कि युवती काफी देर से खड़ी थी और अचानक से उसने अपना कपड़ा उतार दिया। कुछ ही दूरी पर मौजूद लेडी पुलिस मौके पर पहुंची और उसने युवती को कपड़े पहनाए। उसके बाद उसे गाजीपुर थाने ले जाया गया। बाद में उसे एक्सिस बैंक के एटीएम ले जाकर पैसे दिलवाए गए।
घटनास्थल पर मौजूद लोगों का कहना था कि कई घंटे लाइन में लगने के बाद भी पैसे नहीं मिल रहे हैं। आज रविवार का पूरा दिन लाइन में लगे-लगे बीत गया। दिल्ली में एटीएम पर लोगों की लंबी-लंबी कतारें लगी हुई हैं। देशभर से आ रही खबरों के मुताबिक, रुपये निकालने के लिए लोग बैंक एटीएम और डाकघरों में लाइनों में लगे हैं।
मोदी का भावुक हो कर आंसू बहाना नाटकबाजी है- वृंदा करात
नई दिल्ली। 500 और 1000 रुपए के नोट बंद होने के बाद रविवार को गोवा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिए गए भावुक भाषण को सीपीआई (एम) की वरिष्ठ नेता बृंदा करात ने नाटकबाजी करार दिया है।
प्रधानमंत्री के 50 दिन का समय मांगने वाले बयान पर प्रतिक्रया देते हुए बृंदा करात ने कहा, ‘प्रधानमंत्री क्या जनता को भूख से बचने के लिए कुछ टाइम दे रहे हैं।’
उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री के आंसू देखें या उस विधवा के आंसू देखें, जिसे सुबह से रात तक काम करने के बाद वेतन नहीं मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि 20 लाख कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। बृंदा करात ने पीएम के भावुक होने पर कहा कि ये प्रधानमंत्री की नाटकबाजी है।
उन्होंने कहा कि 20 लाख कर्मचारियों को वेतन नहीं मिल रहा है। बृंदा करात ने पीएम के भावुक होने पर कहा कि ये प्रधानमंत्री की नाटकबाजी है।
गौरतलब है कि रविवार को गोवा में भाषण देते समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भावुक हो गए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गोवा में जमकर कालाधन और भ्रष्टाचार पर हमला बोला, उन्होंने कहा कि कालाधन के बाद अब बेनामी संपत्ति वालों की बारी है, हम उन्हें नहीं छोड़ने वाले हैं।
विदेशी सैलानियों के साथ अत्याचार, 1000-500 के नोट के बदले सेक्स की मांग
पुष्कर में विदेशी सैलानियों को पांच सौ व एक हजार रुपए के नोट बंद किए जाने के बाद हुई परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। कुछ पत्रकारों ने गुरुवार को पुष्कर मेला मैदान में कुछ विदेशियों से बातचीत कर उनकी समस्या को जाना तो चौंकाने वाले खुलासे हुए है।
मेले में सैलानियों को पांच सौ रुपए तक का सामान खरीदने को मजबूर किया जा रहा है। यही नहीं अगर उनके पास पांच सौ के नोट हैं तो बदले में उनसे जिस्म की मांग हो रही है।
लाइवइंडिया की रिपोर्ट के अनुसार कुछ विदेशियों का कहना है कि उनसे पांच सौ रुपए के नोट एक्सचेंज करने की एवज में तीन या चार सौ रुपए दिए जा रहे हैं। एेसे में अतिथि देवो भव: की परंपरा वाले देश में दुकानदारों की जिद से पर्यटक भी हैरान परेशान हैं।
मेले में आए विदेशी पर्यटकों को पांच सौ व हजार रुपए के नोट बंद करने के कारण आ रही परेशानियों का असर गुरुवार सुबह बैंक शाखाओं के मुख्य द्वार पर देखने को मिला। बैंक खुलने से पूर्व ही बैंक के द्वार पर विदेशी पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय निवासी कतारबंद हो गए।
बाजार में यातायात व्यवस्था बिगडऩे के आसार के चलते पुलिस का इंतजाम करना पड़ा।विदेशी सैलानियों की जुबानी
यहां मुश्किलें आई हैं। छोटे नोट नहीं मिल रहे हैं। अपने खर्चे कम कर रहे हैं। बैंक में जाकर 100 रुपए के नोट लेंगे।
निसिम (इजरायल )नोट बंद होने की जानकारी मिलने के बाद खासी मुश्किलें हुई। पांच सौ का नोट के बदले दुकानदारों ने 400 रुपए लौटाए।
रायलेन (हवाई अमरीका)
पांच सौ रुपए ही हैं। इस कारण परचेचिंग नहीं कर पा रहे हैं। दुकानदार एक्स्ट्रा मनी मांगते हैं। कुछ लोगों ने सौ सौ के नोट के बदलाने के लिए प्रस्ताव दिया है। बैंक में जाकर ही बदलाएंगे।
मार्को ( इटली )
हम पूरे ग्रुप में आए हैं। नोटों पर बैन लगने की खबर जानने के बाद खर्च कम कर दिया है। होटल वाले को भी बाद में राशि देंगे। पांच सौ रुपए के बजाय तीन सौ रुपए दे रहे हैं। हमने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। बैंक में जाकर मनी एक्सचेंज कराएंगे।
यहां मुश्किलें आई हैं। छोटे नोट नहीं मिल रहे हैं। अपने खर्चे कम कर रहे हैं। बैंक में जाकर 100 रुपए के नोट लेंगे।
निसिम (इजरायल )नोट बंद होने की जानकारी मिलने के बाद खासी मुश्किलें हुई। पांच सौ का नोट के बदले दुकानदारों ने 400 रुपए लौटाए।
रायलेन (हवाई अमरीका)
पांच सौ रुपए ही हैं। इस कारण परचेचिंग नहीं कर पा रहे हैं। दुकानदार एक्स्ट्रा मनी मांगते हैं। कुछ लोगों ने सौ सौ के नोट के बदलाने के लिए प्रस्ताव दिया है। बैंक में जाकर ही बदलाएंगे।
मार्को ( इटली )
हम पूरे ग्रुप में आए हैं। नोटों पर बैन लगने की खबर जानने के बाद खर्च कम कर दिया है। होटल वाले को भी बाद में राशि देंगे। पांच सौ रुपए के बजाय तीन सौ रुपए दे रहे हैं। हमने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। बैंक में जाकर मनी एक्सचेंज कराएंगे।
क्या मोदी को भारी पड़ेगा यह मास्टरस्ट्रोक?
भारत में 500 और 1000 के नोटों को वापस लिए जाने के बाद जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को आश्वस्त किया है कि आने वाले वक्त में इसका सकारात्मक असर पड़ने वाला है. हालांकि अर्थशास्त्रियों की इस मामले में राय बंटी हुई है. मोदी सरकार के फैसले से कुल करेंसी के 80 फ़ीसदी नोट वापस होंगे. ऐसे में आर्थिक मामलों से जुड़े विशेषज्ञों का कहना है कि सरकार ने इतना बड़ा फ़ैसला बिना कोई ठोस तैयारी के रातोंरात ले लिया. अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या इतने बड़े फैसले का असर कालेधन को नष्ट करने में होगा? आइए हम इसे आर्थिक मामलों को समझने वाले विशेषज्ञों से जानते हैं-
अजित रनाडे, आर्थिक विश्लेषक
यह बहुत बड़ा फ़ैसला है क्योंकि लगभग 50 अरब नोटों का वितरण होना है. इसमें कम से कम दो हफ्ते लग सकते हैं. इस दौरान एक व्यक्ति को दी जाने वाली राशि भी सीमित कर दी गई है. थोड़े दिन लोगों को परेशानी होगी. लंबी कतारों में अभी और खड़े रहना रहना होगा. छोटे उद्योगों के साथ लेनदेन में समस्या आएगी. सरकार लोगों से कार्ड इस्तेमाल और ऑनलाइन बैंकिंग की अपील कर रही है.
काले धन की समस्या बहुत गहरी है. यह चुनाव का मुद्दा है. नोटों को रद्द करने की चर्चा भी पुरानी है. यह रातोंरात किया जाएगा ऐसा किसी ने नहीं सोचा था. इतनी बड़ी अर्थव्यवस्था में यह एक जोख़िम भरा कदम है. जिनके पास काला धन है उनका बहुत नुकसान होगा. लगभग 30 प्रतिशत जो पुराने नोट हैं वे कालेधन वालों के हैं. शायद इसका पूरा का पूरा विनाश होगा.
जो काला धन है वो ह्मेशा काला नहीं रहता है वो सफेद भी होता है. काले धन का भी अर्थव्यवस्था में योगदान होता है. आने वाले वक्त में इकोनॉमी में इसका नकारात्मक असर पड़ सकता है. हालांकि बैंकों में डिपॉजिट बढ़ेगा. इसे इन्फ्लेशन कम होगा. लंबे समय के लिए यह पॉज़िटिव होगा. जो टैक्स से बच रहे थे वो आने वाले वक्त में इसके दायरे में होंगे. ऐसे में टैक्स का दायरा बढ़ेगा. इससे जनकल्याणकारी योजनाओं को बल मिलेगा. लोगों के मन में विश्वास होगा कि भ्रष्टाचार का स्केल कम हो रहा है और और सरकार पर पब्लिक का भरोसा बढ़ेगा. इससे देश के भीतर काले धन में कमी आएगी. दिसंबर तक एक और धमाकेदार घोषणा हो सकती है.
मोहन गुरूस्वामी, आर्थिक मामलों के विशेषज्ञ
दिसंबर तक नोटों की कमी रहेगी. पांच दिनों के बाद अभी तक केवल 250 करोड़ ही 500 के नोट छपे हैं. 100-50 के नोट बहुत कम तादाद में हैं. जब तक बड़े नोटों की वापसी नहीं होगी तब तक समस्या बनी रहेगी. सिर्फ़ पांच से छह प्रतिशत कालाधन ही नकदी में है. बाकी काला धन प्रॉपर्टी, सोना और बाहरी बैंकों में है. हमारी इकॉनमी की ग्रोथ रुकी हुई है, बेरोजगारी बढ़ रही है और यह नाटकबाजी है. आम लोगों का बिज़नेस पूरी तरह से ठप हो गया है. इनकी मूर्खता के नतीजे आम लोगों को भुगतने पड़ रहे हैं. मार्केट में भगदड़ की स्थिति है. सरकार का फैसला राजनीतिक फायदा लेने के लिए है. असली कालाधान पूंजीपतियों के पास हैं और इन्होंने चुनाव में 15 हजार करोड़ खर्च किए वो कहां से आया?
इससे कालाधन पर कोई असर नहीं होने जा रहा है. यहां किसी को सरकार से डर नहीं है और आज भी वैसे ही सब कुछ हो रहा है. सबसे पहले आईपीसी को संशोधित करने की जरूरत थी कि जो टैक्स जमा नहीं करेगा उसे जेल होगी. इसका आने वाले वक्त में कोई सकारात्मक असर नहीं पड़ेगा. ये पब्लिक को गुमराह कर रहे हैं.
राकेश रंजन, श्री राम कॉलेज़ ऑफ कॉमर्स में अर्थशास्त्र के प्रोफेसर
सरकार की तैयारी न के बराबर थी. जितना कैश खत्म करना है वह कुल करेंसी का 80 प्रतिशत है. अभी यह लंबा चलेगा और 30 दिसंबर तक हो इसकी कोई गारंटी नहीं है. आम लोगों को बहुत परेशानी हो रही है और कब ख़त्म होगी किसी को नहीं पता है.
ग्रामीण भारत की स्थिति बहुत ही बुरी है क्योंकि गांव में तो एटीएम ही नहीं है. यहां काले धन को लंबी लाइन में लगकर सफेद धन भी बनाया जा रहा है. सरकार जिस गोपनीयता की बात कर रही है उसमें कोई सच्चाई नहीं दिख रही है. 6 प्रतिशत की रिकवरी के लिए इतनी बड़ी भगदड़ किसी भी हिसाब से सही नहीं है. सरकार काली आय को रोके तो ज़्यादा प्रभावी होगा. इतने लंबे समय की दिक्कत के बाद ग्राहकों का एक बड़ा हिस्सा ऑनलाइन शिफ्ट हो सकता है ऐसे में छोटे व्यापार को धक्का पहुंचने वाला है.
(रोहित जोशी से बातचीत पर आधारित)
Sunday 13 November 2016
करेंसी संकट पर पत्रकार उर्मिलेश का नज़रिया
राजनीतिक एजेंडे अपनी जगह पर होते हैं लेकिन सरकार के कामकाज का मुद्दा बिलकुल अलग होता है. कहीं न कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी रणनीति तो है लेकिन उनकी सरकार के कामकाज की विचारधारा में विरोधाभास उभरकर सामने आ रहा है.
पुराने नोटों की वापसी के मुद्दे पर विपक्षी दलों के साथ सामंजस्य या समन्वय स्थापित करने की जरूरत नहीं समझी गई. प्रधानमंत्री मोदी को शायद यह लगता है कि विपक्ष को रौंदते हुए उनका चुनावी विजयी रथ सरकार के कामकाज के दौरान भी दिखाई पड़ता रहे. मुझे लगता है कि यह भारत की लोकतांत्रिक राजनीति में एक नए ट्रेंड को रेखांकित करता है.
क्योंकि जब चुनाव के दौरान ये कहा जाता है कि आप कांग्रेस मुक्त भारत चाहते हैं. यह किसी राजनीतिक पार्टी के पक्ष या विपक्ष की बात नहीं है. लेकिन अगर कांग्रेस के 'कुकर्मों' की बात की जाए तो कांग्रेस के 'सुकर्मों' की बात भी करनी पड़ेगी. क्योंकि कांग्रेस का आजादी की लड़ाई में बहुत बड़ा योगदान रहा है. आप उससे इनकार नहीं कर सकते हैं.
ऐसे में आप सिर्फ अतीत के गड़े मुर्दों को उखाड़े और कहें कि हम 70 सालों के करप्शन का हिसाब 70 महीनों में कर लेंगे तो आपको ये भी देखना होगा कि 150 साल का इतिहास क्या है. इतिहास के गड़े मुर्दे उखाड़ने से भविष्य की बेहतर बुनियाद नहीं रखी जा सकती. प्रधानमंत्री मोदी को यह बात समझनी चाहिए.
और भारतीय लोकतंत्र के लिए यह बहुत जरूरी है. प्रचंड और भारी बहुमत से जीता हुआ देश का बड़ा नेता उदार हृदय के साथ व्यापक सोच लिए सामने आए और सरकार के कामकाज के जो अहम अजेंडे हैं, उनपर ध्यान दे.
पूरी दुनिया के बड़े अर्थशास्त्री और तमाम लोग इस बात को लेकर चिंतित हैं कि भारत जैसा महादेश जिसके पास इतनी संभावनाएं हैं, वो शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार के क्षेत्र में क्यों इतना पिछड़ा है. लेकिन अगर ये सब मुद्दे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अजेंडे में नहीं हैं तो फिर मुझे दाल में कुछ काला नजर आता है.
कहीं न कहीं उनके पूरे एजेंडे से ऐसा लगता है कि वह बदले की राजनीतिक मुहिम पर हैं. 8 नवंबर को 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से हटाने की मोदी की घोषणा और इस पर की गई बयानबाजी को लेकर भी सवाल उठे हैं. इस तरह की भाषा किसी लोकतांत्रिक देश के चुने हुए प्रधानमंत्री की नहीं हो सकती है. इस तरह की भाषा में कोई बादशाह ही बोलता है.
जिस तरह से प्रधानमंत्री इस मुद्दे पर बोल रहे हैं, उसमें लोकतंत्र की भावना गायब है. किसी विचार-विमर्श के लिए कोई जगह नहीं है. लोगों को एक साथ लेकर चलने की बात नहीं दिखाई देती. चिंता इस बात की है कि प्रचंड बहुमत के साथ चुना हुआ देश का प्रधानमंत्री कहीं लोकतंत्र की विरोधी दिशा में तो नहीं जा रहे हैं.
अब तो आम लोग भी यह कह रहे हैं कि अगर इस देश में कालेधन की समस्या इतनी ही बड़ी है तो उसके लिए देश की संपूर्ण आबादी को क्यों पीसा जा रहा है. कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक हर आदमी क्यों पिस रहा है. इनमें मजदूर हैं, किसान हैं, मध्य वर्ग के लोग हैं, छोटे कारोबारी हैं. ये क्यों पिस रहे हैं.
लाखों लोगों के काम के घंटे क्यों बर्बाद किए जा रहे हैं. इस देश में विपक्षी दलों द्वारा ऐसा कोई धरना प्रदर्शन, ऐसी हड़ताल नहीं हुई है जिसमें देश को स्थगित कर दिया गया हो. ऐसा भाजपा ने विपक्ष में रहते हुए भी कभी नहीं किया था जिस तरह से इस बार मौजूदा सरकार अपनी योजना को अमल में लाने के लिए कर रही है.
ऐसा लगता है जैसे पूरा भारत ठहर सा गया है. जिस तरह से इस योजना को लागू किया जा रहा है वह आम लोगों के लिए बेहद परेशानी भरा है. लोग अस्पतालों में मर रहे हैं क्योंकि वहां करेंसी नोट तो हैं लेकिन वह लिए नहीं जा रहे हैं. प्राइवेट अस्पतालों में कोई सुनवाई नहीं हो रही है. इस पर प्रधानमंत्री मोदी को विचार करना चाहिए.
किसी भी देश में समस्याओं को हल करने में पूरे मंत्रिमंडल को विचार करना चाहिए न कि किसी व्यक्ति विशेष का. विपक्ष भी सरकार के कामकाज का एक पक्ष होता है. उसकी बात भी सुनी जानी चाहिए.
(बीबीसी संवाददाता संदीप सोनी से बातचीत पर आधारित)
डिफॉल्टर पांच सितारों में, आम आदमी कतारों में, मोदी विदेशी नजारों में : लालू
पटना : पांच सौ और हजार के पुराने नोटों के बैन पर कई दिनों तक चुप रहे लालू प्रसाद ने संडे को आखिरकार नरेन्द्र मोदी पर हमला बोल ही दिया. कहा, देश में इमरजेंसी जैसे हालात हैं, निम्न वर्ग जूझ रहा है और बैंकों का लाखों करोड़ डकारने वालों पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है. काला धन ही ख़त्म करना है तो फिर दो हजार के नोट क्यों?
पिछले आधे घंटे में लालू प्रसाद ने कुल 12 ट्वीट किये हैं. पढ़िए इनके सभी ट्वीट-
1. ‘हम काले धन के विरुद्ध हैं पर आपके कृत्य में दूरदर्शिता और क्रियान्वयन का पूर्ण अभाव दिख रहा है।आम आदमी की सहूलियत का ख्याल रखना चाहिए.’
2. मोदीजी आप 50 दिनों की “सीमित असुविधा” की बात कर रहे हैं, तो क्या समझा जाए कि आपके वादानुसार 50 दिनों बाद सबके खातों में 15-15 लाख आ जाएँगे?
3. मोदी जी, देश को भरोसा दिजीए कि जनता को 2 माह पूर्ण असुविधा देने और काले धन की उगाही के बाद सबके खाते में 15 लाख रु आयेंगे।
4. अगर ये सब करने के बाद भी लोगों को 15लाख नही मिले तो इसका मतलब होगा कि यह “फर्जिकल स्ट्राइक” था। और इसके साथ ही आम जनता का “फेक-एनकाउंटर” भी।
5. क्या सरकार 50 दिन के बाद आंकड़ा सावर्जनिक करेगी कि खातों में पैसे होने के बावजूद कितने लोग खाने व ईलाज के अभाव और सदमे में मारे गए।
6. मोदी बताये कि अगर करप्शन और काला धन समाप्त करना चाहते है तो 2000 का नोट क्यों बनाया? आपकी इस मंशा पर देश को शंका है।
7. क्या मोदी बताएँगे की लोगों के लंबी लाइनों में खड़े रहने की वजह से देश को कितने अरबों Man hours एवं प्रोडक्शन का नुकसान हुआ?
8. मोदीजी बताये कितने पूंजीपतियों का कितना लाख करोड़ बैंकों पर बकाया है और उसकी उगाही के लिए सरकार क्या कठोर कदम उठा रही है?देश जानना चाहता है.
9. आम आदमी को परेशान करने से पहले ये बताओ बैंकों का लाखो करोड़ डकारने वाले “डिफॉल्टर्स” पर क्या कार्रवाई कर रहे है?ये उनको बचाने का नाटक तो नही.
10. इस ‘अभाव के कुँए’ में देश को धकेलते समय आपने कहा कि कुछ दिन की बात है,फिर जेटली जी 15 दिन बोल गए और अब 50 दिन? निम्न वर्ग जूझ रहा है।
11. डिफॉल्टर पूंजीपति पाँच सितारों में आम आदमी कतारों में आप विदेशी नजारों में।। और ऊपर से कह रहे हो जो कतारों में है वो चोर-नाकारें है।
12. नाटकीय भाषणों से आमजनता को ना सांत्वना मिलेगी और ना दुःखों का अंत होगा।स्थिति विस्फोटक हो रही है।लोग परेशान है और आप भाषण पर भाषण पेल रहे है.
Currency बैन से पहले BJP के खाते में ठूंसा गया मोटा माल…ये रहा सबूत।
आरोप हैं कि नोटबंदी से पहले पुरे देश भर में BJP ने अपने खाते में बड़ी राशि को बैंक में जमा कर अपने ब्लैक मनी को व्हाइट कर लिया हैं।
नई दिल्ली, 12 नवंबर : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर (मंगलवार) को राष्ट्र को संबोधित करते हुए 500 और 1000 के रूपये को चलन से बाहर करने का एलान किया था। इसके साथ ही उन्होंने कहा था कि इसके लिए योजना 6 महीने पहले ही बननी शुरू हो गई थी और इस योजना के बारे में प्रधानमंत्री मोदी के अलावा सिर्फ 6 लोगो को ही जानकारी थी।
अब खुलासा हुआ हैं कि पीएम मोदी के नोट बैन के फैसले से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खातों में भारी मात्रा में नकदी जमा कराई हैं। इस मुद्दे को लेकर विपक्ष भी लगातार हमले कर रहा हैं। जिस दिन पीएम मोदी ने नोट बैन करने का एलान किया था उसी दिन पश्चिम बंगाल में BJP के खाते में एक साथ 1 करोड़ रूपये जमा कराये जाने का मामला सामने आया हैं।
BJP पर आरोप हैं कि कोलकाता के चितरंजन स्थित इंडियन बैंक एवेन्यू ब्रांच प्रदेश भाजपा ने अपने बैंक खाते में 1 करोड़ रूपये जमा कराये थे। CPM ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए फैसले की गोपनीयता पर सवाल खड़े किये हैं। CPM के प्रदेश सचिव सुर्जया कांत मिश्रा ने कहा है कि यह संभव है कि BJP को नोट बंदी के बारे में पहले से जानकारी थी। तभी तो उन्होंने पूरे देशभर में अपनी बड़ी रकम को बैंकों में जमा करवा कर अपना ब्लैक मनी को व्हाइट कर लिया।
This is just 1 Acct of WB BJP in Central Ave,Kolkata branch of Indian Bank where cash dep of 1Cr is made in 1K notes,hours before PM speech!
बताया जा रहा है कि बीजेपी के खाते में जो 1 करोड़ की राशि जमा की गई हैं उसमे 60 लाख रुपये एक हजार के नोट के थे और बाकी 40 लाख पांच सौ के नोट थे। इसे मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत भूषण ने भी ट्वीट कर भाजपा पर आरोप लगाए हैं। उन्होंने बैंक की स्टेटमेंट की कॉपी ट्वीट कर BJP पर गंभीर आरोप लगाए हैं।
रामजेठ मलानी का मोदी पर हमला कहा : देश के इस हुक्मरान को जेल में देखना चाहता हु
लखनऊ: जनेश्वर मिश्र पार्क में आज समाजवादी पार्टी का रजत जयंती समारोह हुआ.समारोह में वरिष्ठ वकील और नेता राम जेठमलानी ने शिरकत की।
राम जेठमलानी ने कहा, देखो मैं 94 साल का हूं और आपकी शुभकामनाओं से सेंचुरी लगाऊंगा।
उन्होंने मोदी पर निशाना लगाते हुए कहा कि मैं देश के हुक्मरान को जेल में देखना चाहता हूं।
जेठमलानी ने कहा, भाजपा के भ्रष्ट संसदीय समिति के सदस्यों ने मुझे पार्टी से निकाला. एक भी सदस्य पीएम बनने लायक नहीं था।
मैंने मोदी को पीएम बनाने के लिए प्रचार किया, आप पूछिए क्यों…? भाजपा ने ब्लैक मनी वापस लाने का वादा किया था .पार्टी ने रिपोर्ट तैयार की थी कि 90 लाख करोड विदेशी बैंक में पड़ा है।
पार्टी में एक सदस्य भी नहीं था जो इसे वापस लाने के लिए कहता हो मैं मोदी की मदद करने पर अपने को गुनाहगार मानता हु।
नोट की चोट: लाइन में लगे कर्मचारी की हार्टअटैक से मौत, किसान के 90 हजार पार
भोपाल। सागर में नोट बदलने के लिए लाइन में लगे एक रिटायर्ड BSNLकर्मी को हार्टअटैक आ गया। जिससे उसकी मौत हो गई जबकि टीकमगढ़ में एक किसान की जेब से लगभग 90 हजार रुपए चोरी हो गए। घटना के बाद किसान बिलख-बिलख कर रो पड़ा। अब उसके पास फूटी कौड़ी भी नहीं बची है और कर्ज चुकाना है सो अलग।
मप्र के सागर में मकरोनिया क्षेत्र में यूनियन बैंक में शनिवार को सुबह BSNL से रिटायर्ड अकाउंटेंट विनोद कुमार पांडे (69) 4000 रुपए के 500-1000 के नोट लेकर उन्हें चेंज कराने पहुंचे थे। बैंक यहां फर्स्ट फ्लोर पर स्थित है। नीचे लंबी लाइन लगी थी। पांडे काफी देर तक लाइन में खड़े रहे। अचानक उन्हें चक्कर आए और वे गिर पड़े।
कुछ लोगों ने फौरन 100 डॉयल और 108 को कॉल किया, लेकिन आधा घंटे तक इंतजार के बावजूद दोनों में से कोई नहीं पहुंचा। करीब 12.30 बजे उन्हें निजी वाहन से समीप के प्राइवेट अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्हें बचाय नहीं जा सका। पांडे को जमीन पर बेसुध पड़े देखने के बावजूद ज्यादातर लोगों ने लाइन छोड़कर उनकी मदद करने की इंसानियत नहीं दिखाई।
किसान की जेब से 85,600 रुपए निकाल ले गए चोर
टीकमगढ़ के बड़ागांव निवासी सुखदयाल यादव अपने बेटे चंद्रभान यादव के साथ रुपए जमा कराने बैंक गए थे। इस बीच किसी ने उनकी जेब काट ली और 85,600रुपए निकाल लिए। इस वारदात को पुलिस की मौजूदगी में अंजाम दिया गया। परेशान किसान ने रोते-रोते पुलिस को पूरा घटनाक्रम सुनाया। उधर, नरसिंहपुर की एक बैंक में रुपए एक्सचेंज करने का फार्म 10-10 रुपए में बेचा जा रहा है।
नोटबंदी पर भाजपा नेता का मोदी पर हमला , अगली बार मूर्ख प्रधानमन्त्री न चुने देश
नई दिल्ली : अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे और हाल के वर्षों में भाजपा से दूर हो चुके बीजेपी नेता अरुण शौरी ने कहा कि जनता अगली बार मूर्ख प्रधानमन्त्री नहीं चुने | ऐसे प्रधानमन्त्री का चुनाव करे जो परिवार वाला हो |
पूर्व बीजेपी नेता अरुण शौरी ने प्रधानमन्त्री के नोट बैन के फैसले पर उनकी आलोचना की | उन्होंने कहा कि अगली बार जनता को ऐसे प्रधानमन्त्री का चुनाव करना चाहिए जिसका अपना परिवार हो | क्यूंकि अपना परिवार होने की वजह से ऐसा व्यक्ति घरेलू मामलात को बेहतर तरीक़े से समझ सकता है | ऐसे व्यक्ति का चुनाव प्रधानमन्त्री के तौर पर नहीं किया जाए जो जनता को अपने मक़सद के लिए इस्तेमाल करे |
गौरतलब है कि 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 500 और 1000 रुपए बंद करने की घोषणा की थी | मोदी ने ये कहा था कि इससे भारत में कालाधन, जालीमुद्रा और भ्रष्टाचार पर लगाम लगाने में मदद मिलेगी| 31 दिंसबर तक लोग पुराने नोट बैंक में बदलवा और जमा कर सकते हैं |
इसके साथ ही सरकार नेकहा है कि जो 2.5 लाख से ज्यादा रुपए जमा कराते हैं तो उनसे 200 गुना जुर्माना लिया जाएगा | लेकिन सरकार के इस फैसले के बाद आम जनता को बहुत ज़्यादा परेशानी का सामना करना पड़ रहा है |
देश की जनता के लिए बुरी खबर: प्रतिदिन नही सिर्फ 15 दिन में एक बार बदल सकते हे 4 हजार रूपये
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 500 और 1000 रुपये के नोट बैन करने के बाद से ही लोगों में हड़कंप मचा हुआ है। हालांकि सरकार पहले कह रही थी कि लोगों को कुछ परेशानी नहीं होगी, लेकिन अब लग रहा है कि शायद सरकार ने इन नोटों को बैन करने से पहले उपयुक्त कदम नहीं उठाए।
बैंक से लेकर एटीएम तक लोगों की लंबी कतारें देखी जा रही है, लेकिन लोगों को कोई राहत मिलती हुई नहीं दिख रही है। कुछ लोग रोजाना लाइन में लगकर 4000 रुपये बदलने की सोच रहे थे, लेकिन सही जानकारी नहीं मिल पाने के बाद उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मिली जानकारी के अनुसार, आप सिर्फ 24 नवंबर तक एक ही बार 4000 रुपये बैंक से बदल सकते हैं।
इसी के साथ कुछ ऐसे दूसरे नियम भी है, जिनके बारे में लोगों को सही जानकारी नहीं होने के कारण बैंक और एटीएम से निराश होकर वापस आना पड़ रहा है।
यह हैं नियम:
- 24 नवंबर तक सिर्फ एक बार ही बैंक में जाकर 4000 रुपये बदल सकते हैं
- 10000 रुपये अकाउंट से निकाल सकते हैं एक सप्ताह में एक बार और 15 दिन में 20000 रुपये निकाल सकते हैं
- 2000 रुपये एटीएम से 15 दिन में एक बार निकाल सकते हैं
- 24 नवंबर तक सिर्फ एक बार ही बैंक में जाकर 4000 रुपये बदल सकते हैं
- 10000 रुपये अकाउंट से निकाल सकते हैं एक सप्ताह में एक बार और 15 दिन में 20000 रुपये निकाल सकते हैं
- 2000 रुपये एटीएम से 15 दिन में एक बार निकाल सकते हैं
बीजेपी नेता ने नोट बंदी पर मोदी सरकार को घेरा, कहा ‘जनता को भिखारी बना दिया’
नई दिल्ली । नोट बंदी को लेकर गुस्सा सिर्फ जनता में ही नहीं बल्कि सत्तारूढ़ बीजेपी में भी है । नोट बंदी से परेशान बीजेपी नेताओं का धैर्य अब टूटता नज़र आ रहा है । बीजेपी की वरिष्ठ नेता लक्ष्मीकांता ने मोदी सरकार के नोटबन्दी के फैसले की कड़ी आलोचना करते हुए यहाँ तक कहा कि “सरकार ने जनता को भिखारी बना दिया है।” लक्ष्मीकांता चावला भाजपा की पूर्व उपाध्यक्ष हैं ।
भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेत्री ने रविवार को कहा कि मोदी सरकार ने बिना तैयारी के ही नोट बंदी की घोषणा कर दी है और सरकार के इस फैसले ने आवाम को भिखारी बना दिया है। उन्होंने कहा कि ‘देश में काले धन के प्रवाह को बंद करने के लिए केंद्र सरकार ने एक हजार और पांच सौ रूपये के नोटों को रद्द कर एक अच्छा काम किया है लेकिन देश की मौजूदा हालात देख कर ऐसा लगता है कि सरकार अभी इस निर्णय के लिए पूरी तरह तैयार नहीं थी। सरकार ने बिना तैयारी के ही इस आशय की घोषणा कर दी है । मुझे लगता है कि सरकार को पहले बैंकों में पर्याप्त नोटो की आपूर्ति करानी चाहिए थी और उसके बाद मौजूदा नोटों का प्रचलन समाप्त किया जाता।’
भाजपा की इस मुखर नेता ने कहा, ‘जिन लोगों का पैसा बैंकों में जमा है उन्हें उनके आवश्यकता अनुसार धन मिलने की व्यवस्था बैंकों में होनी चाहिए थी । एक दिन में चार हजार के निर्णय ने आवाम को भिखारी बना दिया है क्योंकि उन्हें रोज कतार में खड़ा होना पड़ता है। बैंकों में और अधिक संख्या में काउंटर होने चाहिए । पर्याप्त संख्या में नोट, खास कर छोटे नोट होने चाहिए ताकि कठिनाईयों का सामना नहीं करना पड़े । इसके अलावा प्रति दिन दी जाने वाली राशि भी कम से कम दस हजार होनी चाहिए।
नोट बैन:आज़म की चेतावनी,अगर मोदी ने तकलीफों को ना समझा तो जनता सड़को पर उतर सकती है
सहारनपुर -कैबिनेट मंत्री आजम खान ने पांच सौ और हजार के नोटों पर पाबंदी लगाए जाने के मोदी सरकार को घेरा है उन्होंने फैसले पर कहा कि जनता नोट को लेकर परेशान है और हमारा बादशाह (पीएम को संबोधन) जापान में हैं .
मोदी ने नोट बंद होने की जानकारी लीक की थी
उन्होने दावा किया कि नोटों के जारी होने के पहले भी कुछ खास लोगों को इसकी जानकारी थी. तर्क दिया कि यदि ऐसा नहीं था तो व्हाट्सएप पर फोटो पहले कैसे आ गई और नेताओं की पत्नियों के पास नोटों की गड्डियां कैसे दिख रही हैं यह जांच का विषय है.
मोदी गाय और बादशाह को लड़ाते है
उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर गाय और गंगा को लेकर भी निशाना साधा। कहा कि हमारा बादशाह गाय और गंगा के नाम पर लड़ाता है पर असल में गंगा और गाय किस हाल में हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं. गंगा प्रदूषण की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गए.वहीं आज गंगा में करोड़ों रुपये बह रहे हैं. गंगा ने आज साबित कर दिया कि वह गन्दी नहीं. उन्होंने मोदी पर गुजरात, दादरी, मुजफ्फरनगर दंगे, गंगा और गाय के नाम पर दंगा कराने का आरोप लगाया.
उन्होने दावा किया कि नोटों के जारी होने के पहले भी कुछ खास लोगों को इसकी जानकारी थी. तर्क दिया कि यदि ऐसा नहीं था तो व्हाट्सएप पर फोटो पहले कैसे आ गई और नेताओं की पत्नियों के पास नोटों की गड्डियां कैसे दिख रही हैं यह जांच का विषय है.
मोदी गाय और बादशाह को लड़ाते है
उन्होंने पीएम नरेन्द्र मोदी पर गाय और गंगा को लेकर भी निशाना साधा। कहा कि हमारा बादशाह गाय और गंगा के नाम पर लड़ाता है पर असल में गंगा और गाय किस हाल में हैं यह किसी को बताने की जरूरत नहीं. गंगा प्रदूषण की सफाई के नाम पर करोड़ों रुपये खर्च कर दिये गए.वहीं आज गंगा में करोड़ों रुपये बह रहे हैं. गंगा ने आज साबित कर दिया कि वह गन्दी नहीं. उन्होंने मोदी पर गुजरात, दादरी, मुजफ्फरनगर दंगे, गंगा और गाय के नाम पर दंगा कराने का आरोप लगाया.
केजरीवाल के आरोपों पर मोदी क्यों नही जवाब देते है
आजाम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयान का समर्थन किया। कहा कि भाजपा के लोगों का काला धन पहले ही सफेद हो जाने का जो आरोप अरविन्द केजरीवाल ने लगाया है, वह बेहद गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केजरीवाल के इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. अगर यह सही है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर गलत है तो केजरीवाल को जेल भेजना चाहिए.
आजाम ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल के बयान का समर्थन किया। कहा कि भाजपा के लोगों का काला धन पहले ही सफेद हो जाने का जो आरोप अरविन्द केजरीवाल ने लगाया है, वह बेहद गंभीर है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को केजरीवाल के इन आरोपों का जवाब देना चाहिए. अगर यह सही है तो जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए और अगर गलत है तो केजरीवाल को जेल भेजना चाहिए.
जब अमेरिका में जनता विरोध कर सकती है तब भारत में भी ये हो सकता हैमोदी सरकार को यह समझना चाहिए कि जब लोग अमेरिका के चुने हुए राष्ट्रपति के खिलाफ अगले ही दिन से सड़कों पर उतर सकते हैं तो भारत के लोग भी चुनी हुई सरकार के खिलाफ सड़कों पर उतरने में देर नहीं करेंगे. वैसे भी मोदी सरकार द्वारा लिए गए नोट पाबंदी फरमान से पूरे देश में बदअमनी के हालात है. बादशाह (प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी) अराजकता फैलाकर जापान भाग गया और दरबारी (अरुण जेटली) अब बेफिजूल बयान देकर देश में दहशत फैलाने का काम कर रहा है। ऐसे में राज्य सरकारों को सतर्क रहने की जरूरत है.
दहशत फैलाकर रानीतिक क्यों ?
सवाल यह है कि जब कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की है तो उन अफसरों को अपना काम करने दो, आप दहशत फैलाकर राजनीति क्यों कर रहे हो यदि कुछ करना ही है तो उन शहरों व गांव में केन्द्र सरकार अपनी टीम भेजे, जहां लोगों के बच्चों की शादी है पर नकदी के अभाव में उन लोगों की खुशियों पर विराम लग गया है एक बेटी की शादी 16 नवम्बर की है, लेकिन उसका बाप मेहमानों की इंतजार करने के बजाय रिश्तेदारों को परम्परा के अनुसार मिलाई देने के लिए लिफाफे भरने या छोटा-मोटा खर्चा करने के लिए नगदी के जुगाड़ में लगा है.
सवाल यह है कि जब कानून का पालन कराने की जिम्मेदारी आयकर विभाग की है तो उन अफसरों को अपना काम करने दो, आप दहशत फैलाकर राजनीति क्यों कर रहे हो यदि कुछ करना ही है तो उन शहरों व गांव में केन्द्र सरकार अपनी टीम भेजे, जहां लोगों के बच्चों की शादी है पर नकदी के अभाव में उन लोगों की खुशियों पर विराम लग गया है एक बेटी की शादी 16 नवम्बर की है, लेकिन उसका बाप मेहमानों की इंतजार करने के बजाय रिश्तेदारों को परम्परा के अनुसार मिलाई देने के लिए लिफाफे भरने या छोटा-मोटा खर्चा करने के लिए नगदी के जुगाड़ में लगा है.
कई बाप तो ऐसे है जो इसके लिए अपने दोस्तों को साथ लेकर अपने खून पसीने की बैंक में जमा कमाई से 4-4 हजार रुपये लेने के लिए छह-छह घंटे बैंक के बाहर लाइन में लगे है. उन्होंने केन्द्र सरकार से सवाल किया कि क्या एक बाप को अपने बेटे या बेटी की खुशी से शादी करने का भी अधिकार नही हैं? क्या उस अधिकार को भी आप छीन लेंगे? क्या देश में मानवता पर भी आर्थिक आपातकाल लगा दिया गया है? आजम ने कहा कि केन्द्र सरकार के पास भले ही उनके सवालों का जवाब नही हो पर उप्र के विस चुनाव में जनता उन्हें जवाब जरूर देगी। पूर्व मंत्री सरफराज खान, पूर्व विधायक संजय गर्ग आदि उपस्थित थे.
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